संयुक्त अरब अमीरात ने भारत ने भारतीय गेहूं और गेहूं के आटे के निर्यात पर चार महीने की रोक लगा दी है.
यूएई की समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम के मुताबिक़ ये रोक गेहूं की सभी किस्मों पर लागू होगी.
यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्रालय का कहना है कि जो कंपनियां भारतीय मूल के गेहूँ या भारतीय गेहूँ से बने आटे को निर्यात या फिर निर्यात करना चाहती हैं, जिन्हें 13 मई से पहले देश में आयात किया गया था उन्हें यूएई से बाहर बेचने के लिए मंत्रालय से इजाजत लेनी होगी.
कंपनियों को सभी दस्तावेज़ और फाइलें जमा करना होगी, जिसमें आयात से जुड़ी सारी जानकारी होगी.
ये फैसला गेहूँ की बढ़ती हुई कीमतों को लेकर लिया गया है. व्यापक आर्थिक साझेदारी पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत ने यूएई को घरेलू इस्तेमाल के लिए गेहूँ के निर्यात को मंज़ूरी दी थी.
रूस-यूक्रेन युद्ध ने दुनियाभर में खाद्य संकट को बढ़ा दिया है. यूक्रेन दुनिया के सबसे बड़े गेहूँ निर्यातकों में से एक है. युद्ध का कृषि और खाद्य आपूर्ति पर भारी असर पड़ा है, जिससे दुनियाभर में गेहूँ की क़ीमतों में उछाल आया है.
वहीं भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अनाज उत्पादक है. भारत ने 13 मई को गेहूँ के निर्यात को फ्री से प्रोहिबिटेड श्रेणी में डाल दिया था जिसके बाद भी गेहूँ की क़ीमतों में वैश्विक स्तर पर उछाल आया है.
इस साल भारत में सरकारी गेहूँ की ख़रीद 15 साल के सबसे निचले स्तर पर है.