जयपुर. उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल मर्डर केस (Udaipur Kanhaiyalal Murder Case) की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे रोजाना इस घिनौनी साजिश के नये-नये राज सामने आ रहे हैं. जांच में अब सामने आया है कि जिस दिन कन्हैयालाल को गला काटकर क्रूरतापूर्वक मारा गया था. उसी दिन दो और लोगों की तालिबानी तरीके (Talibani way) से हत्या किये जाने का प्लान था. लेकिन उन दोनों लोगों की सही तरीके से रेकी नहीं हो पाने के कारण उनकी जान बच गई. इन दो लोगों की हत्या के लिए 4 अन्य लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी. इस मामले की जांच एनआईए कर रही है.
जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक कन्हैयालाल की हत्या की साजिश को और बड़ा रूप देने की तैयारी थी. इसके लिए एक ही दिन में तीन लोगों की तालिबानी तरीके से हत्या करने की साजिश रची गई थी. षड़यंत्रकारी कन्हैयालाल की रेकी कर उसकी हत्या करने में तो कामयाब हो गये, लेकिन दो अन्य लोगों की रेकी ठीक ढंग से नहीं होने के कारण उनके मंसूबे पूरे नहीं हो पाये और दो लोगों की जान बच गई.
20 जून को फाइनल किया गया था हत्या का प्लान
जांच में सामने आया है कि नूपुर शर्मा को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी किये के जाने बाद इस पूरी साजिश को तैयार किया गया था. 17 जून को हत्या की साजिश को लेकर षड़यंत्रकारियों ने बैठक की थी. बाद 20 जून को ही उदयपुर कलक्ट्रेट पर नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन किया गया था. इस प्रदर्शन के बाद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद के साथ हत्या की साजिश में शामिल चुनिंदा लोगों की शहर के मुखर्जी सर्किल पर बैठक हुई थी. इस बैठक में हत्या किस तरीके से और कहां करनी है इस पर चर्चा कर अंतिम फैसला किया गया था. उसके बाद 28 जून को साजिश को अंजाम दे दिया गया.रियाज ने कानपुर से मंगवाए थे 6 छुरे
इससे पहले रियाज ने कानपुर से 6 छुरे मंगवाए थे. इन छुरों को उदयपुर में एस के इंजीनियरिंग फैक्ट्री में धार दी गई थी. फैक्ट्री में भी दो छुरे अलग से बनाए गये थे. खंजरनुमा ये छुरे कानपुर से सरताज ने भेजे थे. सरताज दावत-ए-इस्लामी से जुड़ा है. एनआईए टीम कानपुर में सरताज की तलाश कर रही है. कन्हैयालाल के साथ दो और लोगों की हत्या का जिम्मा जिन चार लोगों को सौंपा गया था एनआईए ने उन्हें भी राउंडअप कर लिया है.