“साल 1970 की बात है. एक कब्रिस्तान की ज़मीन को लेकर यहाँ विवाद हुआ था. उस समय सरकार ने त्वरित कार्रवाई की. आठ दिन तक इलाके में कर्फ़्यू रहा था.
उसके 22 साल बाद 1992 में यहाँ दो दिन का तनावपूर्ण माहौल रहा.फिर 2017 में शंभूलाल रैगर वाली घटना आपको याद होगी, जब हत्या का वीडियो इसी तरह से वायरल हुआ था.अब 5 साल बाद ऐसा दिन देखने को मिला है.राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले उग्रसेन राव 65 साल के हैं. उदयपुर में पत्रकारों के बीच वो इलाके के पहले पत्रकार के रूप में जाने जाते हैं.