Uddhav Thackeray: शिवसेना की महा प्रबोधन यात्रा आज से, उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के गढ़ को ही क्यों चुना?

Maha Prabodhan Yatra: शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे महाप्रबोधन यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने भी राज्यव्यापी महाप्रबोधन यात्रा ठाणे से शुरू हो रही है। इस यात्रा के लिए बने पोस्टरों और बैनरों में बाल साहेब ठाकरे और आनंद दिघे की तस्वीरें बड़ी-बड़ी छापी गई हैं। उद्धव ठाकरे की यह यात्रा शिंदे सरकार को एक करारे जवाब के रूप में भी देखी जा रही है।

uddhav thackeray eknath shinde shivsena bhavan
एकनाथ शिंदे – उद्धव ठाकरे

मुंबई: शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे रविवार को महाप्रबोधन यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। यह यात्रा वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे से कररहे हैं। शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में हुई बगावत के कारण 29 जून को कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन की एमवीए सरकार गिर गई थी और ठाकरे को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। अगले दिन, 30 जून को शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया था।शिवसेना के नेता चिंतामणि खारखानिस ने बताया कि महाप्रबोधन यात्रा के दौरान राज्यभर में कई रैलियां आयोजित की जाएंगी। लोगों का समर्थन पाने, लोगों की समस्याओं को आवाज देने और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। उद्धव शाम 6 बजे राम गणेश गडकरी रंगायतन में संबोधन करेंगे।

यात्रा के पोस्टरों पर नारा लिखा है ‘आपला महाराष्ट्र, महान महाराष्ट्र’ और उनपर शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे तथा ठाणे के प्रतिष्ठित नेता दिवंगत आनंद दिघे की तस्वीरें हैं। दिलचस्प यह है कि यही प्रचार सामग्री शिंदे गुट ने भी इस्तेमाल किया है।

पोस्टर्स और बैनर्स से संदेश
इस महाप्रबोधन रैली के लिए जो पोस्टर-बैनर तैयार किए गए हैं, वह भी बहुत सोच-समझकर बनाए गए हैं। इनमें सबसे पहले फोटो बालसाहेब ठाकरे की लगी है। दूसरी तस्वीर आनंद दिघे की है। दोनों तस्वीरें बड़ी हैं। इन दोनों के बाद उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की तस्वीर है जो छोटी तस्वीरे हैं।

इसलिए ठाणे को चुना
स्थानीय लोकसभा सदस्य रंजन विचारे ने कहा कि यात्रा के लिए ठाणे को इसलिए चुना गया क्योंकि यहीं से पार्टी में गद्दारी और बगावत की शुरुआत हुई। उद्धव ठाकरे की यह यात्रा शिंदे सरकार को एक करारे जवाब के रूप में भी देखी जा रही है। आदित्य ठाकरे के राज्यव्यापी दौरे को शिव संवाद यात्रा का नाम दिया गया था, जबकि उद्धव ठाकरे के दौरे को महाप्रबोधन यात्रा का नाम दिया गया है।

आनंद दिघे की जरिए फिर से शिवसेना होगी खड़ी!
उद्धव ठाकरे न सिर्फ ठाणे से महाप्रबोधन यात्रा की शुरुआत करेंगे बल्कि एकनाथ शिंदे के इलाके टेम्भी नाका में लोगों को संबोधित भी करेंगे। ठाणे शिवसेना के लिए कई मायने में ऐतिहासिक है। पहली सत्ता की चाबी भी शिवसेना को ठाणे शहर से ही मिली थी। तब शिवसेना की कमान दिवंगत आनंद दिघे के हाथ में थी। अब एक बार फिर से दिवंगत आनंद दिघे के जरिए उद्धव टूटी शिवसेना को फिर से खड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि बीते दिनों उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे भी ठाणे पहुंची थीं और आनंद दिघे को श्रद्धांजलि दी थी।

उद्धव ठाकरे की महाप्रबोधन यात्रा के पीछे कई वजहें हैं। पहली वजह यह है कि महाराष्ट्र में शिवसेना को पहली सत्ता मुंबई से सटे ठाणे शहर में मिली थी। यह वह दौर था जब ठाणे शहर पर दिवंगत आनंद दिघे का वर्चस्व था। फिलहाल आनंद दिघे की मौत के बाद यह कमान बगावत के पहले तक एकनाथ शिंदे संभाल रहे थे। ऐसे में शिंदे को ठाणे जिले का सबसे मजबूत नेता माना जाता है। अब एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे ठाणे में सभा के जरिए उनको एक संदेश देना चाहते हैं।

उद्धव ठाकरे एक सोची-समझी रणनीति के तहत अपने दादा प्रबोधनकार ठाकरे के नाम का इस्तेमाल इस यात्रा में कर रहे हैं। ठाकरे यह बताना चाहते हैं कि वह अपने दादा के विचारों को लेकर इस सियासी यात्रा में शामिल हो रहे हैं, ताकि उनके ऊपर कथित हिंदुत्व विरोधी होने का जो धब्बा लगा है, उसे धोया जा सके।