UK Election : लिज ट्रस ने फेंका ऐसा पासा जिससे लगातार जीत रहे ऋषि सुनक को मिलने लगी हार, जानें ब्रिटिश पीएम चुनाव में कैसे पलट रही है बाजी

Why Rishi Sunak is Losing : ट्रस को कंजर्वेटिव पार्टी का ‘वफादार’ माना जाता है जो मंत्रियों के इस्तीफों की झड़ी लगने के बाद भी जॉनसन के साथ खड़ी थीं। पार्टी में कुछ लोग सुनक को जॉनसन के खिलाफ विद्रोह करने का दोषी मानते हैं और उन्हें डर है कि अगले चुनाव में सुनक विपक्षी लेबर पार्टी को हरा नहीं सकते।
जॉनसन के पीछे हटने के बाद सभी उम्मीदवारों में सबसे बड़ा और लोकप्रिय नाम ऋषि सुनक का था। 2021 में जब बोरिस जॉनसन की रेटिंग में गिरावट आई तो सुनक को उनके उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाने लगा। लिज ट्रस के सामने कई सर्वे उन्हें स्पष्ट ‘विजेता’ बताने लगे। जुलाई में आई द संडे टेलीग्राफ की रिपोर्ट में बताया गया कि एक सर्वे में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के लगभग आधे मतदाता मानते हैं कि सुनक एक अच्छे प्रधानमंत्री साबित होंगे। कोविड चांसलर के रूप में कार्य कर चुके ऋषि सुनक 2020 तक कंजर्वेटिवहोम वेबसाइट की तालिका में सबसे ऊपर थे क्योंकि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान कर्मचारियों और व्यवसायों की मदद करने के लिए लगातार समर्थन कार्यक्रम शुरू किए थे।
ऋषि सुनक के लिए सब कुछ अच्छा चल रहा था
Ipsos UK के 2019 के एक सर्वे के अनुसार सबसे ज्यादा 46 फीसदी टोरी वोटर्स मानते थे कि सुनक एक प्रधानमंत्री के रूप में सबसे अच्छा काम कर सकते हैं। इस सर्वे में 29 फीसदी वोटर्स लिज ट्रस के साथ थे। 20 जुलाई को सुनक ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के चुनाव के लिए आयोजित पांचवें दौर की वोटिंग में धमाकेदार जीत दर्ज की थी। पांचवे राउंड की वोटिंग में ऋषि सुनक को 137 वोट मिले, जबकि लिज ट्रस 113 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं जिसके बाद दोनों फाइनल राउंड में आमने-सामने हैं। चौथे राउंड में भी उन्हें 118 और ट्रस को 86 वोट मिले थे। लेकिन इसके बाद से कई तरह के सर्वे और पोल के नतीजों में सुनक की उम्‍मीदें टूटती नजर आ रही हैं।

और रेस में आगे हो गईं लिज ट्रस
एक नया सर्वे बताता है कि अब ट्रस के प्रधानमंत्री बनने की संभावना 90 फीसदी है। सट्टा कंपनी स्मार्केट्स के मुताबिक ट्रस के जीतने की संभावना 90.91 फीसदी है, जबकि ऋषि सुनक के जीतने की संभावना 9.09 फीसदी कम हो गई है। ये पोल बताते हैं कि ट्रस टोरी सदस्यों की फेवरेट हो गई हैं। डेली टेलीग्राफ अखबार से बात करते हुए ट्रस ने कहा, ‘मैं खुद को आगे इसलिए रख रही हूं क्योंकि मैं नेतृत्व कर सकती हूं और कड़े फैसले ले सकती हूं। मुझे पता है कि हमें कहां काम करने की जरूरत है।’
आखिर कैसे ट्रस ने मार ली बाजी
रेस में पिछड़ता देख ट्रस ने वादा किया कि अगर वह जीतती हैं तो बड़े पैमाने पर टैक्स कटौती करेंगी और यहीं पर उन्होंने संभवतः सुनक से बाजी मार ली। यूक्रेन युद्ध के बाद जो भी ब्रिटेन की गद्दी पर बैठेगा उसके सामने महंगाई सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा चीन के साथ खराब होते रिश्तों की वजह से चीन यूके चुनाव में टैक्स में कटौती एक बड़ा मुद्दा है। ट्रस ने जनता से वादा किया है कि वह इनकम टैक्‍स में 1.25 फीसदी तक की कटौती करेंगी। साथ ही उन्‍होंने कॉरपोरेशन टैक्‍स में इजाफे को वापस लेने का भी वादा किया है। ट्रस का मानना है कि संकट के दौर में टैक्स में इजाफा करना नैतिक रूप से गलत है। ट्रस ने जहां पहले दिन से कटौती करने का वादा किया है, वहीं सुनक ने बढ़ती मुद्रास्फीति को रोकने के लिए अधिक नपे-तुले दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही है।

पार्टी की वफादार बनाम विद्रोही
ट्रस को कंजर्वेटिव पार्टी का ‘वफादार’ माना जाता है जो मंत्रियों के इस्तीफों की झड़ी लगने के बाद भी जॉनसन के साथ खड़ी थीं। पार्टी में कुछ लोग सुनक को जॉनसन के खिलाफ विद्रोह करने का दोषी मानते हैं और उन्हें डर है कि अगले चुनाव में सुनक विपक्षी लेबर पार्टी को हरा नहीं सकते। ट्रस समर्थक सांसदों का मानना है कि वह पहले दिन से ‘काम’ शुरू कर सकती हैं और उनके पास टैक्स में 30 बिलियन पाउंड की कटौती करके अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की योजना है।

ऋषि सुनक के पीछे होने के क्या कारण?
इस साल कॉस्ट ऑफ लिविंग के संकट के जोर पकड़ने की वजह से सुनक की छवि को सबसे बड़ा झटका लगा है जिसमें उनकी अकूत दौलत ने बड़ी भूमिका निभाई। सनद रहे कि ऋषि सुनक ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से दोगुना अमीर हैं जबकि जनता गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही है। वित्तमंत्री रहने के दौरान ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति को संभाल न पाने को लेकर ऋषि सुनक की आलोचना भी हो रही है। कुछ लोग उन्हें पार्टी के भविष्य के लिए भी खतरा मानते हैं जो सुनक को लेबर पार्टी के प्रतिद्वंद्वी के सामने कमजोर उम्मीदवार मानते हैं।

5 सितंबर को होगा ऐलान
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री की रेस में दो अंतिम नाम सामने आ चुके हैं। दोनों उम्मीदवार अब पूरे देश में पार्टी के सदस्यों के बीच प्रचार करेंगे। इसके बाद करीब 1,60,000 टोरी सदस्य उनके लिए वोट डालेंगे। सदस्य डाक के जरिए अपने वोट भेजेंगे जिनकी गिनती 5 सितंबर को होगी जिसके बाद विजेता की घोषणा की जाएगी। यह तो 5 सितंबर को ही पता चलेगा कि टोरी सदस्य किसे ब्रिटेन की कमान सौंपते हैं।