Russian On UK-Pakistan Globemaster Flights : फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट्स का डेटा दिखाता है कि आरएएफ की उड़ानों ने पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले मिस्र, सऊदी अरब और ओमान के हवाई क्षेत्रों से होकर उड़ान भरी।
लंदन : ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स इस महीने की शुरुआत से ही रोमानिया से पाकिस्तान के रावलपिंडी के एक एयरबेस के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट के साथ लगभग दैनिक उड़ानों का संचालन कर रही है। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट के डेटा से इसका खुलासा हुआ है। मामले के जानकार लोगों का कहना है कि ये उड़ानें यूक्रेन के समर्थन में एक मिशन से संबंधित है। हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि भारी भरकम आरएएफ एयरक्राफ्ट किस तरह के उपकरणों को एयरलिफ्ट कर रहा है। ग्लोबमास्टर 77,000 किग्रा वजन तक के कार्गो के साथ उड़ान भर सकता है।
खबरों के मुताबिक, भूमध्यसागरीय द्वीप साइप्रस पर रॉयल एयर फोर्स के अक्रोटिरी बेस से उड़ानों के संचालन की जानकारी सबसे पहले कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स ने दी थी। यूजर्स ने इसके लिए फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा का इस्तेमाल किया था। इन उड़ानों में आरएएफ का एक बोइंग सी-17ए ग्लोबमास्टर III शामिल है। इन उड़ानों के बारे में ब्रिटेन, रोमानिया या पाकिस्तान के अधिकारियों ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
यूक्रेन को हथियार सप्लाई कर रहा ब्रिटेन
ये उड़ानों 6 अगस्त से ट्रैक की जा रही हैं। साइप्रस से उड़ान भरने वाले ग्लोबमास्टर को ही मंगलवार को पाकिस्तान के एयरस्पेस में ट्रैक किया गया था जो रावलपिंडी में पाकिस्तान एयर फोर्स के नूर खान एयरबेस पर जा रहा था। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट्स का डेटा दिखाता है कि आरएएफ की उड़ानों ने पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले मिस्र, सऊदी अरब और ओमान के हवाई क्षेत्रों से होकर उड़ान भरी। बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में ब्रिटेन रूसी हमले के खिलाफ फरवरी से ही यूक्रेन का समर्थन कर रहा है और भारी मात्रा में आधुनिक हथियार सप्लाई कर रहा है।
पाकिस्तान और यूक्रेन के गहरे सैन्य संबंध
पाकिस्तान के पास 320 से अधिक यूक्रेनी T-80UD टैंक हैं। पाकिस्तान और यूक्रेन के गहरे सैन्य संबंध हैं और इस्लामाबाद ने एक दशक से अधिक समय से सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों को कीव में दूत के रूप में तैनात किया है। ब्रिटेन रूस का कट्टर विरोधी है लेकिन पाकिस्तान यूक्रेन पर रूस के हमले की आलोचना करने से बच रहा है। ऐसे में अगर इन उड़ानों का संचालन यूक्रेन समर्थन में रूस के खिलाफ हो रहा तो ये पुतिन को भड़का सकता है।