रूस ने केवल 8 दिनों में तबाह किए 30 फीसद यूक्रेनी पॉवर प्लांट
कीव. रूस के राष्ट्रपति पुतिन की इमरजेंसी मीटिंग के बाद से शुरू हुए यूक्रेन के पावर ग्रिड पर मिसाइल और ड्रोन हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. न्यूज़ एजेंसी AFP की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने गुरुवार को रूस पर अपनी ऊर्जा ग्रिड को युद्ध के मैदान में बदलने का आरोप लगाया है. यूक्रेन का कहना है कि लगातार हो रहे पावर ग्रिड पर हमलों के कारण देश में बिजली व्यवस्था चरमरा गई है जिससे आने वाली ठंड को देखते हुए लोग पलायन को मजबूर हुए हैं. यूक्रेन का आरोप है कि पावर ग्रिड पर हमले मुख्य रूप से रूस ईरान के आत्मघाती ड्रोन की मदद से कर रहा है.
अमेरिका ने यूक्रेन के दावों के बाद कहा कि क्रीमिया में ईरान रूस के सैनिकों को ड्रोन हमले करने की ट्रेनिंग दे रहा है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि ईरानी सैन्य प्रशिक्षकों को ड्रोन पर रूसी बलों की सहायता के लिए क्रीमिया भेजा गया था. यूक्रेनी सेना के अनुसार रूस ईरान के ‘कामिकेज़ ड्रोन’ ड्रोन के अलावा शहीद-136 भी इस्तेमाल कर रहा है.
इमरजेंसी मीटिंग के बाद शुरू हुए ड्रोन हमले
रूस की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद मीटिंग में राष्ट्रपति पुतिन ने केर्च स्ट्रेट ब्रिज पर हुए धमाके और आगे की रणनीति पर चर्चा करते हुए यूक्रेनी ऊर्जा, सैन्य और संचार सुविधाओं को अपनी ताकतवर मिसाइलों से ध्वस्त करने का प्रस्ताव पास कर दिया था. केर्च स्ट्रेट ब्रिज पर हुए धमाके के बाद ही क्रेमलिन ने अपनी न्यूज़ ब्रीफिंग में साफ कर दिया था कि रूस जल्द ही यूक्रेन को इन हमलों के लिए मुंहतोड़ जवाब देगा.
यूक्रेन का बिजली संकट
लगातार दस दिनों से चल रहे पावर ग्रिड्स पर हमलों ने यूक्रेन में बिजली का भारी संकट पैदा कर दिया है. राजधानी कीव सहित देश के तमाम बड़े शहरों में दस से बारह घंटों की कटौती करनी पड़ रही है. ऐसे में तेज होते हमलों के बीच आ रही सर्दियों ने यूक्रेन की चिंता को बढ़ा दिया है. अधिकारियों के अनुसार, रूसी मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद एक सप्ताह में देश के कम से कम 30 प्रतिशत बिजली स्टेशनों को नुकसान पहुंचा है.