विशेषज्ञों के मुताबिक, बिजली गैस सप्लाई के लिए भी जरूरी है। इसलिए अगर उपभोक्ता लंबे समय तक बिजली से वंचित रहे, तो मकानों के हीटिंग सिस्टम भी काम करना बंद कर देंगे। उससे बहुत बड़ी मानवीय विपदा खड़ी हो जाएगी।
यूक्रेन में सर्दियों का आगमन गहराते जा रहे मानवीय संकट के बीच हो रहा है। रूसी हमलों के कारण बड़ी संख्या में देश के बिजली संयंत्र नष्ट हो गए हैं। यूक्रेन के नेशनल ग्रिड- यूक्रेनेर्गो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वोलोदीमीर कुद्रित्स्कयी ने कहा है कि देश के लगभग सभी बड़े परमाणु बिजली घरों पर हमला हो चुका है। इसके अलावा बिजली नेटवर्क के 30 प्रतिशत से ज्यादा रूटिंग सब-स्टेशन नष्ट हो गए हैं।
कुद्रित्स्कयी ने स्थिति को संकटपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन ने पश्चमी देशों से तुरंत बिजली संयंत्र के पुर्जों की मांग की है। साथ ही उसने मिसाइल रक्षा प्रणाली की मांग की है, ताकि बचे बिजली संयंत्रों को रूसी मिसाइलों से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि पूरे इतिहास में कहीं ही बिजली इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हुआ यह सबसे बड़ा मिसाइल हमला है। दुर्भाग्यवश स्थिति संकटपूर्ण हो गई है। रूस खास तौर पर यूक्रेन के बिजली सिस्टम को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है, जिसका असर लाखों लोगों पर पड़ा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, बिजली गैस सप्लाई के लिए भी जरूरी है। इसलिए अगर उपभोक्ता लंबे समय तक बिजली से वंचित रहे, तो मकानों के हीटिंग सिस्टम भी काम करना बंद कर देंगे। उससे बहुत बड़ी मानवीय विपदा खड़ी हो जाएगी। देश के ज्यादातर इलाकों में लगातार घंटों तक बिजली की कटौती चल रही है। रूस ने पिछले महीने यूक्रेन के बिजली घरों को निशाना बनाना शुरू किया था। उसके पहले क्राइमिया को रूस से जोड़ने वाले पुल पर आतंकवादी हमला हुआ था, जिसके लिए रूस ने यूक्रेन को दोषी ठहराया है।
ब्रिटिश अखबार द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली ढांचा नष्ट होने के कारण यूक्रेन के लोगों को भारी कठिनाई हो रही है। उन्हें अनिश्चिय में जीना पड़ रहा है। राजधानी कीव में एक बिजली स्टेशन के पास ही रहने वाले इहोर सुदाकोव ने गार्जियन से बातचीत में कहा कि हमें पहले से ऐसा होने का अंदेशा था, इसलिए हमने तैयारी कर रखी थी। हमने पॉवर बैंक खरीदे हैं, जो एक बार चार्ज हो जाने पर तीन घंटों तक काम करता है। उन्होंने कहा कि हमें अंदेशा है कि रूस कीव के पॉवर स्टेशन पर फिर हमला करेगा।
इस सोमवार को रूस ने यूक्रेन पर 55 मिसाइल और पांच ड्रोन हमले किए। इनमें पनबिजली संयंत्रों को निशाना बनाया गया। इससे काफी नुकसान होने की खबर है। कीव क्षेत्र के गवर्नर ओलेक्सी कुलेबा ने बताया है कि सोमवार को रूसी हमलों के बाद साढ़े तीन लाख घरों में बिजली चली गई। 80 फीसदी बिजली सप्लाई भी रुक गया। उन्होंने बताया कि पानी और बिजली सप्लाई को मंगलवार को बहाल किया गया।
यूक्रेन के अधिकारियों ने बिजली संयंत्रों को पहुंचे नुकसान की तस्वीरें जारी नहीं की हैं। इसके पीछे मकसद रूस को यह अंदाजा लगने से रोकना है कि उसके हमलों का कितना प्रभाव हुआ है। लेकिन यूक्रेनी अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि इन हमलों से कई बिजली संयंत्र नष्ट हुए हैं। क्रामातोर्स्क स्थित एनजीओ वोस्तोक एसओएस के कार्यकर्ता दिमित्री मिशेनिन ने द गार्जियन को बताया कि लड़ाई के करीबी इलाकों में बिजली सप्लाई ज्यादा बाधित हुई है। बाकी इलाकों में हालत कुछ सुधरी है।