एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी अभियान के लिए अपना घर छोड़ेंगी। वे सात नवंबर सै अमरकंटक से अपने अभियान की शुरुआत करेंगी। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि तब तक वह घर और आवास में नहीं रहेंगी, जब तक कि लोग शराब के आतंक से मुक्त नहीं हो जाएं। इस दौरान वह टेंट या घास-फूस की झोपड़ी या पेड़ के नीचे रहेंगी।
भोपालः मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती राज्य में शराबबंदी को लेकर एक बार फिर आक्रामक हो गई हैं। उन्होंने कहा है कि सात नवंबर से वह अपना घर छोड़ देंगी। लंबे समय से प्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रहीं उमा भारती ने राज्य सरकार के दो अक्टूबर से शुरू किये गये राज्यव्यापी नशामुक्ति अभियान की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह सात नवंबर से अपने इस अभियान की नर्मदा नदी के तट पर स्थित अमरकंटक से शुरुआत करेंगी। उन्होंने कहा कि सात नवंबर से तब तक वह घर और आवास में नहीं रहेंगी, जब तक कि लोग शराब के आतंक से मुक्त नहीं हो जाएं। इस दौरान वह टेंट या घास-फूस की झोपड़ी या पेड़ के नीचे रहेंगी
राज्य शासन की ओर से आयोजित यह नशामुक्ति अभियान दो अक्टूबर से 30 नवंबर तक सतत चलेगा। इसमें शैक्षणिक, स्वयंसेवी, सामाजिक संस्थाओं और धर्मगुरुओं की सहभागिता से राज्य को नशामुक्त बनाने के लिये विभिन्न कार्यक्रम होंगे। भारती ने कहा, ‘मैं सरकारी नशामुक्ति अभियान में भागीदारी नहीं करूंगी। सात नवंबर से हम भी अपना अभियान प्रारंभ करेंगे। इस बीच, हम इस अभियान की समीक्षा करेंगे।’
उमा भारती ने कहा, ‘सात नवंबर से तब तक मैं घर और आवास में नहीं रहूंगी, जब तक कि मैं यह नहीं देख लूंगी कि लोग अब शराब के आतंक से मुक्त हो गये हैं और महिलाएं घर में सुख से रह रही हैं, मोहल्लों में आराम से घूम सकती हैं, लड़कियां कॉलेज जा सकती हैं, पूजा करने के लिए मंदिर में जा सकती हैं, नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में जा सकते हैं, प्रार्थना करने के लिए गिरजाघर में जा सकते हैं और पूजा-अभिषेक करने के लिए जिनालय-बौद्धालय में जा सकते हैं। स्कूल व अस्पताल के पास और मजदूरों की बस्तियों के पास अब शराब की दुकानें नहीं हों।’
भारती ने कहा, ‘जब ये सब चीजें सुनिश्चित हो जाएंगी तब मैं घर में रहना शुरू करूंगी। इससे पहले या तो टेंट लगवा लिया करूंगी या घास-फूस की कोई झोपड़ी मिल जाया करेगी तो उसमें रहूंगी, नहीं तो मैं पेड़ के नीचे भी रह लूंगी। इसमें मुझे कोई दिक्कत नहीं होती है। नदियों में नहा लेंगे। ये मैंने तय कर लिया है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं नर्मदा नदी में अमरकंटक के मैकल पर्वत पर जाऊंगी और वहां से सात नवंबर से अपना इस प्रकार का जीवन प्रारंभ कर दूंगी। इस बीच मैं अन्य जगहों पर भी जाऊंगी और रहूंगी। मैं दिसंबर अंत तक चलती रहूंगी और इंतजार करूंगी और यह इंतजार 31 मार्च तक चलेगा, क्योंकि तब तक शराब नीति का नया मसौदा बन जाएगा।’
भारती ने कहा कि शराब के दुष्परिणामों से महिलाओं का सम्मान, गरीबों का रोजगार एवं युवाओं का भविष्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं मानती हूं कि हमारे देश में एक नियंत्रित शराब की नीति है ही नहीं, क्योंकि यह राज्य का विषय है। राज्य की सरकारें अपनी तरीके से जनभावनाओं की अवहेलना करते हुए भी शराब नीति बना देती हैं। ऐसे में भाजपा अब देश में आ गई है। भाजपा ने 370 हटाने की बात की और पूरी हुई, राममंदिर बनाने की बात कही, पूरी हुई। भाजपा ने जो वायदे किये, वे पूरे हुए।’
भारती ने कहा, ‘लोग अपेक्षा करते हैं कि भाजपा शराब पर भी नियंत्रण की कोई एक नीति बनाएगी, राजनीति के स्तर पर या संगठन के स्तर पर और वो भाजपा शासित राज्यों को निर्देश दे कि वो नीति लागू करे। वो नीति जनहितैषी हो, महिला हितैषी हो, नौजवानों के भविष्य को ध्यान में रखकर हो। बाद में भारती ने ट्वीट किया, ‘‘मैं सात नवंबर, 2022 से 14 जनवरी, 2023 मकर संक्रांति तक भवन त्याग दूंगी।’
उत्तराखंड से लड़ सकती हैं चुनाव
लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उमा ने उत्तराखंड से चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी जहां से चाहेगी वहां से चुनाव लड़ूंगी। उन्होंने कहा कि मैं जहां से चुनाव लड़ती हूं, वहां बड़ा प्रोजेक्ट आता है। पिछले चुनाव में प्रदेश की 17 सीटों पर प्रचार किया और सभी जीतीं भी।