First Undersea Tunnel in India : इस सुरंग का निर्माण महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के अंडरग्राउंड स्टेशंस के बीच किया जाएगा। टेंडर डॉक्यूमेंट के अनुसार, इस सुरंग का निर्माण टनल बोरिंग मशीन और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का इस्तेमाल करके किया जाएगा। मंत्रालय ब्रह्मपुत्र नदीं में भी एक सुरंग बनाने की योजना पर काम कर रहा है।
नई दिल्ली : देश में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट (Bullet Train Project) पर तेजी से काम चल रहा है। बुलेट ट्रेन चलाने के लिए भारत समुद्र के अंदर सुरंग बनाने वाला है। देश को अगले कुछ वर्षों में अपनी पहली अंडर-सी सुरंग (Undersea Tunnel) मिलने वाली है। समुद्र के अंदर बनने वाली इस सुरंग में 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन दौड़ेगी। यह पूरी सुरंग 21 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें 7 किलोमीटर समुद्र के अंदर से गुजरेगी। यह सुरंग अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) प्रोजेक्ट का हिस्सा होगी। नेशनल हाई स्पीड रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने इस सुरंग के के लिए बोलियां मंगाई हैं। NHSRCL ने पिछले साल नवंबर में भूमिगत सुरंग निर्माण कार्यों के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। लेकिन इस साल इसे रद्द कर दिया गया था। इसे “प्रशासनिक कारणों” का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था।
इन स्टेशनों के बीच बनेगी सुरंग
इस सुरंग का निर्माण महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के अंडरग्राउंड स्टेशंस के बीच किया जाएगा। टेंडर डॉक्यूमेंट के अनुसार, इस सुरंग का निर्माण टनल बोरिंग मशीन और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का इस्तेमाल करके किया जाएगा। इस सुरंग का निर्माण ठाणे की खाड़ी में होगा।
ब्रह्मपुत्र नदी में भी सुरंग बनाने की योजना
इससे पहले दिल्ली-मुंबई रैपिड रेल ट्रांजिट परियोजना के लिए यमुना में अंडरवाटर सुरंग प्रस्तावित थी। लेकिन यह प्रस्ताव संभव नहीं लगा। सड़क और रेल मंत्रालय ब्रह्मपुत्र नदीं में भी एक सुरंग बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इसका इस्तेमाल वाहनों और ट्रेनों दोनों के लिए किया जा सकता है।
सिंगल ट्यूब में दो रेलवे ट्रैक
एनएचएसआरसीएल के अनुसार, ठाणे की खाड़ी में बनने वाली सुरंग एक सिंगल ट्यूब में होगी। इसमें आने और जाने वाली ट्रेनों के लिए दो ट्रैक होंगे। एनएचएसआरसीएल ने कहा कि इस पैकेज में सुरंग स्थान से सटे 37 स्थानों पर 39 उपकरण कक्ष भी बनाए जाएंगे।
25 से 65 मीटर गहराई में बनेगी
देश की पहली अंडरसी सुरंग ग्राउंड लेवल से करीब 25 से 65 मीटर नीचे होगी। साथ ही सबसे गहरा निर्माण स्थल शिलफाटा के पास पारसिक पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा। इस परियोजना के लिए 13.1 मीटर व्यास के कटर हेड वाली टनल बोरिंग मशीनों का उपयोग किया जाएगा।
29 जनवरी है बोलियों के लिए समय सीमा
यह अपनी तरह की पहली परियोजना है, इसलिए एजेंसी ने बोलियां जमा करने के लिए 29 जनवरी की समय सीमा तय की है। रेल मंत्रालय को उम्मीद है कि साल 2026 में गुजरात में 50 किलोमीटर के रूट पर बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल रन होगा।