5 पॉइंट में समझें बैटरी स्वैपिंग क्या है? इससे इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को क्या फायदा होगा?

नई दिल्ली. पेट्रोल की बढ़ती कीमतों की वजह से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है. इस मांग को और गति देने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विकास किया जा रहा है. सरकार इसके लिए राष्ट्रव्यापी बैटरी-स्वैपिंग पॉलिसी पर काम कर रही है. इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है.

बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी को भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास में महत्वपूर्ण कदमों में से एक माना जा रहा है. यहां आज 5 पॉइंट्स में समझते हैं कि बैटरी स्वैपिंग क्या है? बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लाने के पीछे सरकार का मकसद क्या है? बैटरी स्वैपिंग सिस्टम कैसे काम करता है? इससे इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को क्या फायदा होगा?

बैटरी स्वैपिंग क्या है?
बैटरी स्वैपिंग में चार्जिंग स्टेशन से चार्ज की गई बैटरी को इलेक्ट्रिक वाहन की डिस्चार्ज हो चुकी बैटरी से बदला जा सकता है. बैटरी स्वैपिंग का उपयोग छोटे वाहनों जैसे कि दो-पहिया और तिपहिया वाहनों के लिए किया जाता है. इसकी वजह यह है कि इन वाहनों में छोटी बैटरी होती है, जिन्हें फोर व्हीलर में इस्तेमाल होने वाली बैटरियों के मुकाबले बदलना आसान होता है.

बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के पीछे सरकार का मकसद
बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के पीछे सरकार का मकसद इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तेजी से चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है. बैटरी स्वैपिंग स्टेशन को लगाने में कम जगह लगती है. मतलब यह चार्जिंग स्टेशन के मुकाबले कम जगह घेरते हैं. शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए जगह की कमी प्राथमिक कारणों में से एक है.

सेफ्टी
बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी आने के बाद बैटरी मौजूदा बैटरी की तुलना में अधिक सुरक्षित हो जाएगी. ड्राफ्ट पॉलिसी में कहा गया है कि बैटरियों को एआईएस 156 (2020) और एआईएस 038 रेव 2 (2020) मानकों के अनुसार टेस्ट और प्रमाणित किया जाना जरूरी होगा. इसके अलावा भी स्वाइपेबल बैटरी के लिए कई टेस्ट निर्धारित किए जा सकते हैं. साथ ही स्वाइपेबल बैटरी को बैटरी मॉनिटरिंग सिस्टम, रिमोट मॉनिटरिंग और इमोबिलाइजेशन जैसे एडवांस फीचर्स से लैस करना होगा.

एक ही तरह का होगा बैटरी का साइज
बैटरी स्वैपिंग नीति के अनुसार, यह अनिवार्य होगा कि बैटरियों का वजन 1 kWh की क्षमता के साथ 10 किलोग्राम से अधिक न हो. इससे व्यक्ति के लिए बैटरी को उठाना आसान हो जाएगा और डिलीवरी करने वाले व्यक्तियों की चिंता कम हो जाएगी, जो इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे अधिक उपयोग करते हैं, बैटरियों का शेप बेलनाकार होगा.

बैटरी स्वैपिंग के फायदे?
बैटरी स्वैपिंग तकनीक के तीन बड़े फायदे हैं. पहला, स्वैपिंग स्टेशन पर बैटरी की अदला-बदली बहुत कम समय में हो सकेगी, इससे काफी हद तक समय की बचत होगी. दूसरा, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन कम जगह में भी बनाए जा सकते हैं, जिससे इन्हें ज्यादा संख्या में लगाने की परेशानी नहीं होगी. तीसरा, इलेक्ट्रिक व्हीकल में बैटरी का साइज छोटा होने से उनकी लागत में भी भारी कमी आएगी.