शिमला. हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी का आलम कितना है, यह प्रदेश के विश्वविद्यालय में हो रही भर्ती से पता चलता है. यहां पर चपरासी की नौकरी के लिए मैट्रिक के टॉपर तक ने आवदेन किया है. युवती के दसवीं में 96.85 फीसदी अंक हैं. इसके अलावा, अन्य आवदेकों के भी 90 प्रतिशत से ऊपर अंक हैं.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में चपरासी के 93 पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में कैटेगिरी के हिसाब से मेरिट सूची जारी की है और मैरिट में जो बात सामने आई है, उससे हर कोई हैरान है. लिस्ट से पता चलता है कि हिमाचल में पढ़े-लिखे युवाओं के लिए बेरोजगारी किस तरह से गंभीर समस्या है.
एचपीयू ने पद के लिए तय की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं रखी थी. अभ्यर्थियों को अपने दावे पेश करने के लिए 25 जून तक का समय दिया गया था. मैरिट के अनुसार, सामान्य अनारक्षित श्रेणी में दसवीं में मेरिट में 96.85 फीसदी, एससी (अनारक्षित) श्रेणी में 95.97 फीसदी, एसटी (अनारक्षित) श्रेणी में प्राप्तांक 88.46 फीसदी तक रहा है.
मैरिट के अनुसार, सामान्य अनारक्षित श्रेणी में दसवीं में मेरिट में 96.85 फीसदी, एससी (अनारक्षित) श्रेणी में 95.97 फीसदी, एसटी (अनारक्षित) श्रेणी में प्राप्तांक 88.46 फीसदी तक रहा है.
हिमाचल में कितने बेरोजगार
हिमाचल प्रदेश में आठ लाख 46 हजार 209 पढ़े लिखे युवा बेरोजगार हैं. बीते साल अगस्त में विधानसभा के मॉनसून सत्र में यह आंकड़ा पेश किया गया था. रोजगार कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों का डाटा सार्वजनिक किया गया था. उद्योग मंत्री की ओर से लिखित जवाब में बताया गया था कि 31 जनवरी, 2020 तक प्रदेश में 8 लाख 46 हजार 209 बेरोजगार शिक्षित बेरोजगार थे. पिछले दो वर्षों में 28, 661 लोगों को सरकारी क्षेत्रों में रोजगार मुहैया करवाया गया है और प्रदेश में पोस्ट ग्रेजुऐट की डिग्री लेने वाले 76 हजार 318 युवा बेरोजगार है. हालांकि, अब दो साल बाद हिमाचल में यह आंकड़ा बढ़ गया है. और हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हिमाचल में 100 में 12 लोग बेरोजगार हैं.