वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय किन्नौर दौरे पर आए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा किया। ऐसे में उनका चांगो हेलीपैड पहुंचने पर राजस्व बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी समेत प्रशासन ने स्वागत किया।
इस दौरान जल शक्ति मंत्री ने गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी भी ली। तत्पश्चात सेना के अधिकारियों, जवानों एवं स्थानीय ग्रामीणों से मिले। हेलीपैड पर स्थानीय ग्रामीणों ने किन्नौरी पारंपरिक वेशभूषा में जल शक्ति मंत्री का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने पेयजल, सिंचाई व विभिन्न समस्याएं सुनी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्र में बसे ग्रामीणों की समस्याएं सुनी व आश्वासन दिया कि सर्दियों के समय में जल शक्ति मिशन के तहत पानी की आपूर्ति सही से होगी एवं सिंचाई की समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा।
उन्होंने स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी के भी अवलोकन किया। साथ ही स्थानीय उत्पादों को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं उन्होंने नाकों पंचायत का भी दौरा किया। स्थानीय लोगों की समस्याएं भी ग्रामीणों के बीच बैठकर सुनी। केन्द्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं जैसे गैस सिलेंडर फ्री, गरीबों को मुफ्त राशन, हर घर जल आदि योजनाओं को लेकर भी उनसे रूबरू हुए।
सीमावर्ती क्षेत्रों में बसे लोगों ने जल शक्ति मंत्री को सिलेंडर का भाव कम करने और महंगाई पर कंट्रोल करने की मांग की। जल शक्ति मंत्री ने इन समस्याओं को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि जिला में नकदी फसलों सेब व अखरोट आदि के बगीचों को विकसित करने की दिशा में कार्य प्रारम्भ किया गया है। भारत सरकार किन्नौर जैसे दुर्गम क्षेत्रों में छोटी-छोटी स्कीमों के माध्यम से सिंचाई की सुविधा बने इसके लिए राज्य सरकारों को सहयोग प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि आज ग्रामीणों के साथ चर्चा करने पर जल जीवन मिशन के तहत सर्दियों में ठीक से पानी की आपूर्ति न होने व सिंचाई की सुविधा के अभाव की समस्या सामने आई हैं, जिस पर स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि इन समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए शीघ्र योजना बनाकर राज्य सरकार के माध्यम से भारत सरकार को भेजें। क्योंकि इस क्षेत्र की समस्या के समाधान के विषय में हमें सकारात्मक काम करना है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाली आबादी के रहन-सहन में सुगमता आए। सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग इस जिम्मेदारी के एहसास से रहें कि सीमा पर रहने के कारण उनकी जिम्मेदारी देश की रक्षा को लेकर अन्य नागरिकों की तुलना में ज्यादा है। इसके साथ-साथ उनके गांव में सारी मूलभूत सुविधाएं बनें इसके लिए प्रधानमंत्री द्वारा “बाईब्रेट विलेज” कार्यक्रम शुरू किया गया है।
प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल के सभी साथियों से अपेक्षा की है कि इस कार्यक्रम के तहत सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में जाकर वहां के लोगों से बातचीत करें कि सरकार की योजनाएं उन तक किस तरह से पहुंची हैं। इसका अध्ययन करें कि अभी किन विषयों की उन्हें और आवश्यकता है व उनके साथ चर्चा करके उनकी आवश्यकताओं को गहराई के साथ समझें, इसलिए वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम तय किया गया है।
उन्होंने कहा कि आज उन्हें सौभाग्य से किन्नौर घाटी के इस क्षेत्र में आने का मौका मिला है। उन्होंने लगातार 15 वर्ष सीमावर्ती क्षेत्रों पर काम किया है। देश के लगभग सभी थल सीमा क्षेत्रों में लम्बे समय तक उन्हें काम करने का अवसर मिला है। पिछले दस वर्षों में किस तरह का परिवर्तन इस क्षेत्र में हुआ है उसे आज यहां आकर प्रत्यक्ष रूप से देखा है। इस दौरान उपायुक्त तोरुल एस रवीश, जिला पुलिस अधीक्षक विवेक चहल, सहायक आयुक्त राजेंद्र गौतम, जिला परिषद शांता कुमार व हितेश नेगी सहित सेना के अधिकारी आदि मौजूद रहे।