DM Office के बाहर चटाई पर बैठी दो बहनों का अनोखा धरना, बोलीं- ‘पिता मानते हैं बोझ, घर से निकाला’

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बेटियों को लेकर समाज की सोच काफी हद तक बदली है. बहुत से लोग अब घर में बेटी पैदा होने पर भी उसी तरह खुशी मनाते हैं जैसे बेटों के जन्म पर मनाई जाती है. इसके साथ ही बेटियां अब हर क्षेत्र में बहुत अच्छा कर रही हैं. इस बदलाव के बावजूद कुछ लोग हैं जो अभी भी बेटियों को लेकर पुरानी मानसिकता लिए चल रहे हैं. ऐसी ही एक सोच के खिलाफ उत्तर प्रदेश की दो बेटियों ने आवाज उठाई है.

सर्द रात में DM ऑफिस के बाहर बैठी 2 बहनें

Sisters Protest basti Aajtak

इन सर्द रातों में जब लोग हीटर और अलाव की गर्माहट लेते हुए अपने कमरों में बंद हो जाते हैं, ऐसे मौसम में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में दो बहनें को चटाई बिछा कर बैठे देख सब हैरान रह गए. इन दो बहनों के इस तरह से डीएम कार्यालय के बाहर चटाई बिछाकर बैठने के मामले ने चारों तरफ हलचल मचा दी. ये दोनों बहनें चटाई पर बैठ कर किताब पढ़ने लगीं. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार ये दोनों बहनें दुबौली दुबे की रहने वाली हैं और इनका नाम कविता और सविता है.

पिता ने निकाल दिया घर से बाहर

Sisters Protest basti UP tak

कविता और सविता अपनी बात डीएम तक पहुंचाने की मंशा से डीएम कार्यालय के बाहर इस तरह आ कर बैठीं. कविता और सविता का आरोप है कि उनके पिता उन्हें बोझ समझने लगे हैं. इस संबंध में दोनों ने मीडिया से बताया कि उनके पिता आए दिन उनके साथ मारपीट करते हैं. इसके साथ ही वह कहते हैं कि तुम दोनों हम पर बोझ हो. कविता और सविता के मुताबिक, ये सब उनके भाई की शादी के बाद से शुरू हुआ है. इससे पहले माता-पिता का उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं था लेकिन इकलौते भाई के शादी के बाद उनका मोह दोनों बहनों से भंग हो गया है. दोनों का कहना है कि रविवार की शाम को उनके पिता ने भाभी के कहने पर दोनों बहनों को सर्द रात में घर से बाहर निकाल दिया.

जब किसी ने नहीं सुनी तो चली आईं डीएम ऑफिस

Sisters Protest basti Twitter

पिता द्वारा घर से निकाले जाने के बाद दोनों बहनें डीएम कार्यालय पहुंचीं और डीएम को अपने साथ हुई सारी आपबीती बताई. लड़कियों की फ़रियाद सुनने के बादड़ जिलाधिकारी ने महिला थानाध्यक्ष को फोन किया और इन दोनों बहनों के साथ हुई घटना का निवारण करने को कहा. दोनों बहनें बस्ती के महिला थाना पहुंचीं. लेकिन उनका आरोप है कि महिला थानाध्यक्ष ने उनकी एक न सुनी.

इन सबके बाद अंत में दोनों बहनें थक हार कर सोमवार की शाम को कलेक्ट्रेट परिसर में चटाई बिछा कर सांकेतिक धरने पर बैठ गईं. उन्होंने किसी तरह का शोर नहीं किया, बस अपनी किताब खोलकर पढ़ने लगीं. बस्ती के जिला प्रशासन के अधिकारियों को जब इसकी भनक लगी तो वे इन दोनों बेटियों की समस्या के निदान में लग गए. साथ ही उन्होंने दोनों बहनों को समझा-बुझाकर फिलहाल के लिए महिला वन स्टेप सेंटर भेज दिया.

इन दोनों बहनों ने डीएम को बताया कि कविता फैजाबाद में रहकर सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है. और सविता घर में ही रहकर पढ़ाई लिखाई करती है. दोनों का सपना है कि वह पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़ी हो जाएं. उनका आरोप है कि जब से उनके भाई की शादी हुई है, उनके पिता को दोनों अब बोझ लगने लगी हैं. वे उन्हें पढ़ाई का खर्च भी नहीं देते. पिता पहले ऐसा नहीं करते थे. लेकिन अब भाभी के आ जाने से उनका व्यवहार बदल गया है.