दरअसल, अजीम के परिवार ने शादी की तारीख सात नवंबर बताई थी, लेकिन परिवार का कहना हैं कि शादी में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो, इसलिए पांच दिन पहले ही बरात ले जानी पड़ी। कैराना से अजीम के साथ 20 लोग बराती बनकर रवाना हुए। जाने से पहले उसने पड़ोसियों से आशीर्वाद लिया।
बुधवार को सुबह ही परिवार व अन्य रिश्तेदार अजीम के घर पर पहुंच गए। अजीम ने कहा कि वह अपनी शादी सादगी के साथ कर रहा है। अधिक भीड़ इकट्ठा न हो इसलिए कम बराती ही ले जाए जा रहे हैं। जिस जगह अजीम मंसूरी का आवास है। उसी गली में कुछ हिंदू, मुस्लिम परिवार रहते हैं। बरात की गाड़ी में बैठने से पहले अजीम ने अपने पड़ोसियों के घरों पर पहुंचकर उनसे आशीर्वाद लिया। लोगों ने उसे शादी की मुबारकबाद दी।
करीब दो साल पहले उसका महिला थाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद अजीम का रिश्ता हापुड़ के मोहल्ला मजीदपुरा निवासी तीन फुट दो इंच कद की बुशरा के साथ तय हुआ था।
बुधवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे हापुड़ के लिए बरात रवाना हुई। शेरवानी पहनकर दूल्हा बने अजीम को लेकर फूलों से सजी कार में हापुड़ के लिए रवाना हुए। गाड़ी में बैठने के बाद अजीम ने कार की खुली छत से बाहर आकर अपना हाथ हिलाकर सबका अभिवादन दिया।
अजीम मंसूरी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत अन्य हस्तियों को न्योता नहीं दे सका।
अजीम ने कहा कि अपनी दुल्हन को गिफ्ट में देने के लिए सोने की अंगूठी खरीदी है। निकाह कराने के लिए वह दो मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव से गुहार लगा चुका था। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से भी मुलाकात की थी।
हापुड़ में दोपहर 1:35 बजे बरात आई तो गाड़ी रुकते ही गोदी में बैठाकर अजीम को निकाह स्थल पर ले जाया गया। उधर, घरातियों ने भी बुशरा को गोद में उठाकर निकाहस्थल तक पहुंचाया। निकाह की रस्म दोपहर में 2:40 बजे संपन्न हुई।
निकाहनामा पर अजीम और बुशरा ने अपने हस्ताक्षर किए। शाम को करीब 4:45 बजे अजीम दुल्हन बुशरा संग शामली के लिए रवाना हो गए।