कहते हैं कि इस दुनिया में सच्चा प्यार करने वाला पुरुष शिव के समान हो जाता है और स्त्री, शक्ति के समान. अगर प्रेम की बात हो तो शिव और शक्ति को हमेशा ही उदाहरण और प्रेरणा के तौर पर देखा जाता है. अपने प्रेम को दोबारा हासिल करने के लिए जहां भगवान शिव ने सदियां बिता दीं, वहीं शिव को हासिल करने के लिए माता पार्वती ने भी सालों तक घोर तपस्या की थी. अब भगवान शिव का हिमाचल प्रदेश (Kullu, Himachal Pradesh Lord Shiva temple) में स्थित एक मंदिर आज के दौर में प्रेमी जोड़ों (Lovers get shelter in Shiva temple) की मदद कर रहा है और उन्हें रहने के लिए ठिकाना दे रहा है, क्योंकि इस मंदिर और यहां के लोगों का मानना है कि प्रेम जिस भी रूप में हो, उसे अपना लेना चाहिए.
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक प्राचीन मंदिर है, जिसका नाम है शंगचूल महादेव मंदिर (Shangchul Mahadev). यहां हजारों लोग दर्शन करने और भगवान की आराधना करने आते हैं. मगर ये मंदिर एक खास वजह से दुनिया में फेमस है. ये मंदिर कुल्लू की सैंज घाटी में मौजूद है. रिपोर्ट्स की मानें तो मंदिर 128 बीघा में फैला है और यहां की प्राकृति खूबसूरती देखकर हर किसी का मन मोहित हो जाएगा. खूबसूरती और आस्था के अलावा मंदिर प्रेमी जोड़ों को आश्रय (Eloping couples find place to live in Shiva temple) देने के लिए भी जाना जाता है.
देश भर से जो भी कपल परिवार और समाज के डर से घर छोड़कर भाग जाते हैं और शादी करना चाहते हैं, वो इस मंदिर में आ जाते हैं. यहां उनके रहने-खाने की व्यवस्था की जाती है और आसपास के गांववाले उन लोगों का दिल खोलकर स्वागत करते हैं. माना जाता है उनकी रक्षा खुद भगवान शंकर करते हैं इसलिए उन्हें इस मंदिर में किसी से कोई खतरा नहीं होता है. सबसे ज्यादा खूबसूरत बात ये है कि यहां किसी भी जाति, धर्म, समुदाय के प्रेमी जोड़े आ सकते हैं और उनके लिए एक समान रहने-खाने का इंतजाम किया जाता है. हैरानी तो ये है कि पुलिस भी इस मंदिर में कभी रोक-टोक नहीं करती.
पुजारी रखते हैं कपल्स की सुरक्षा का ध्यान
गांव के लोगों ने अपने कुछ नियम बना रखे हैं जो मंदिर समेत गांव के अन्य हिस्सों में भी माने जाते हैं. जैसे, यहां सिगरेट-शराब पीने पर रोक है. कोई लड़ाई-झगड़ा या तेज आवाज में बात नहीं करता. इस इलाके में घोड़ों के आने पर भी रोक लगी हुई है और जबतक प्रेमी जोड़ों की शादी नहीं हो जाती या उनकी समस्याओं का हल नहीं निकल जाता, तब तक उन्हें कोई यहां से नहीं निकाल सकता. यही नहीं, मंदिर के पुजारी खुद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.
महाभारत के समय से जुड़ी है मान्यता
मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल में, कौरवों के डर से पांडव यहां, शंगचूल महादेव की शरण में छुपने आ गए थे. जब कौरव उनका पीछा करते हुए यहां पहुंचे तो महादेव प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि जो भी उनकी शरण में यहां पर आया है, उसका कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता क्योंकि वो खुद उन लोगों की मदद करते हैं. महादेव के डर से ही कौरव वहां से भाग निकले. तब से ही यहां प्रताणित किए गए प्रेमी जोड़े, जिन्हें कोई अपनाना नहीं चाहता, यहां भगवान की शरण में चले आते हैं.