इस गांव के अधिकांश लोग पढ़े लिखे हैं। आजादी से पहले इस गांव के निवासी हरवख्स सिंह पीसीएस अधिकारी बने थे। उसके बाद से इस गांव से अब तक 31 आइपीएस और पीसीएस अधिकारी बन चुके हैं। ऐसा शायद ही कोई घर होगा जिसका सदस्य किसी सरकार नौकरी पर न हो।
संभल: संभल जिले में प्रतिभा का धनी गांव औरंगपुर सिलैटा, में कुछ ही घर ऐसे होंगे जिसमें कोई सदस्य अधिकारी ना हो। इस गांव से अब तक 31 लोग आइपीएस और पीसीएस अधिकारी बन चुके हैं। यहां पढ़ाई की शुरुआत करने वाले हर युवा का पहला सपना अधिकारी बनने का रहता है। अग्निपथ योजना का समर्थन करने वाले इस गांव के युवा देश सेवा के लिए भी मेहनत करने में जुटे हुए हैं। वहीं आजादी से पहले इस गांव के हरवख्स सिंह पीपीएस अधिकारी बने थे। जो अब सेवानिवृत्त होकर यहां के युवाओं को अधिकारी बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
जनपद संभल के तहसील क्षेत्र के गांव औरंगपुर सिलैटा की आबादी लगभग तीन हजार है। इस गांव में ठाकुर, पाल, जाटव, सैनी बिरादरी के अलावा मुस्लिम समाज के लोग भी रहते हैं। इस गांव के अधिकांश लोग पढ़े लिखे हैं। आजादी से पहले इस गांव के निवासी हरवख्स सिंह पीसीएस अधिकारी बने थे। उसके बाद से इस गांव से अब तक 31 आइपीएस और पीसीएस अधिकारी बन चुके हैं। ऐसा शायद ही कोई घर होगा जिसका सदस्य किसी सरकारी नौकरी पर न हो।
वर्तमान में 15 लोग कर रहे IPS-PCS की तैयारी
अधिकारियों को छोड़ भी दिया जाए तो अन्य पदों पर भी इस गांव के 30 से अधिक लोग तैनात हैं। आजादी के बाद सुल्तान सिंह कृषि विभाग में डायरेक्टर पद पर तैनात रहे तो इनके भाई एदल सिंह वन विभाग में रेंजर बन गए। यह सेवानिवृत्त हुए तो इन्होंने युवाओं को अधिकारी बनने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया। दो साल पहले भी अंशु राघव पीपीएस अधिकारी बनी थीं। वर्तमान में 15 से अधिक युवा आइपीएस और पीसीएस अधिकारी बनने की तैयारी कर रहे हैं।
गांव में 12 शिक्षण संस्थान
गांव में शिक्षा का स्तर कितना ऊंचा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन हजार की आबादी होने के बाद भी 12 शिक्षण संस्थान हैं। इसमें एक इंटर कॉलेज है तो दो जूनियर हाई स्कूल तो दो प्राथमिक विद्यालय भी हैं। इसके सासाथ ही गांव में एक मदरसा भी है।