गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित गांव सुराना में भगवान शिव का एक चमत्कारी मंदिर हैं. ऐसी मान्यता है कि अगर भोलेनाथ खुश हुए तो भक्त की सरकारी नौकरी लगने में बिल्कुल देर नहीं लगती. जी हां, हम बात कर रहे हैं प्राचीन धूमेश्वर महादेव मंदिर की, जहां भक्तों का जमावड़ा सुबह 4 बजे से ही लगना शुरू हो जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि सुबह 4 बजे की पूजा विशेष महत्व भी रखती है.
जानकारों का कहना है कि सुराना का धूमेश्वर महादेव मंदिर करीब 700 साल पुराना है. मंदिर में मौजूद शिवलिंग हिंडन नदी में बहकर आया था, जिसे स्वयं भगवान परशुराम ने स्थापित किया था. गांव का नाम भी सुराना इस मंदिर के कारण ही पड़ा है. मान्यताओं के अनुसार, ‘सुर’ का मतलब होता है ‘देवता’ और यहां श्रावण मास में देवी-देवताओं का आना-जाना लगा रहता है. मंदिर को लेकर एक ऐसी भी मान्यता है कि श्रावण मास में भगवान शिव स्वयं यहां आकर विराजमान हो जाते हैं.
युवाओं के चहेते क्यों हैं धूमेश्वर महाराज?
मंदिर में सुबह 4:00 बजे की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व बताया जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो इस वक्त धूमेश्वर भगवान को जल चढ़ाता और धूमेश्वर महाराज को खुश कर देता है, उसकी सरकारी नौकरी लगने में देर नहीं लगती. ऐसे एक दो नहीं, बल्कि गांव में कई उदाहरण हैं. News18 Local से बात करते हुए गांव के रहने वाले राहुल ने बताया कि धूमेश्वर महादेव मंदिर को लेकर युवाओं में काफी श्रद्धा है. कांवड़ के वक्त भी लोग हरिद्वार से यहां पर जल लेकर आते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. वहीं, गांव निवासी भूपेंद्र यादव ने बताया कि उनकी भी सरकारी नौकरी भगवान महादेव की कृपा से लगी और उम्मीद से कई जल्दी लग गई.
कैसे पहुंचेंगे धूमेश्वर महादेव मंदिर ?
अगर आप भी धूमेश्वर महादेव मंदिर आना चाहते हैं, दर्शन करना चाहते हैं तो गाजियाबाद के पुराने बस अड्डे से मुरादनगर के लिए आप टेंपो पकड़ सकते हैं. मुरादनगर उतर जाने के बाद आप रिक्शा की मदद लेकर गांव सुराना तक पहुंच सकते हैं. मंदिर सुबह 4:00 बजे ही खुल जाता है और 9:30 बजे तक आप भगवान धूमेश्वर के दर्शन कर सकते हैं. यहां बताना जरूरी है कि न्यूज18 इस दावे की पुष्टि नहीं करता है.