Nitish Kumar And Upendra Kushwaha : बिहार में नीतीश-तेजस्वी कैबिनेट का विस्तार हुआ। मगर सभी की निगाहें उपेंद्र कुशवाहा पर टिकी थी। बीजेपी खासकर प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर आग उगलनेवाले उपेंद्र कुशवाहा को कैबिनेट में जगह नहीं मिली। हालांकि उनको इसका आभास 24 घंटे पहले ही हो गया था। फिर वो पटना बाहर निकल गए।
पटना : नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) में जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को जगह नहीं मिली। उपेंद्र कुशवाहा पटना से बाहर चले गए। एक दिन पहले तक माना जा रहा था कि उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कैबिनेट में अपना बर्थ पक्का करा लेंगे। मगर आखिरी मिनट में माजरा बदल गया। उपेंद्र कुशवाहा ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में इसे महज अफवाह बताया था। मगर यह भी सच है कि बिना आग के धुआं नहीं निकलता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को मंत्री क्यों नहीं बनाया गया? यह सवाल इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि उपेंद्र कुशवाहा, नीतीश कुमार के लिए खूब फील्डिंग सजाते हैं। वो कुशवाहा ही हैं जिन्होंने एनडीए से नाता तोड़ने पर नीतीश के लिए लिखा- नीतीश जी, देश आपका इंतजार कर रहा है।
नीतीश कैबिनेट में कुशवाहा को नहीं मिली जगह
दरअसल, बिहार कैबिनेट का कास्ट एनलाइसिस करने पर पता चलता है कि उपेंद्र कुशवाहा को सिर आंखों पर बिठाने वाले नीतीश ने मंत्रिमंडल में जगह क्यों नहीं दी। बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण को साधने पर बहुत ज्यादा जोर रहता है। इसी हिसाब से पार्टियां सत्ता में भागीदारी भी तय करतीं हैं। ऐसा माना जाता है कि कुर्मी-कुशवाहा की पार्टी जेडीयू है। कम से कम परसेप्शन तो ऐसा ही है। हालांकि नीतीश कुमार कई बार इसे लेकर सफाई दे चुके हैं। किसी को ड्रॉप करना नहीं चाहते थे नीतीश कुमार
फिर भी कैबिनेट को जाति के हिसाब से देखें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस जाति (कुर्मी) से आते हैं, उनके समुदाय से दो मंत्री (श्रवण कुमार और शीला मंडल) बनाए गए हैं। वहीं, कुशवाहा समुदाय से भी दो मंत्री (जयंत राज और आलोक मेहता) बने हैं। ऐसे में अगर उपेंद्र कुशवाहा को भी नीतीश कुमार मंत्री बनाते तो किसी न किसी को ड्रॉप करना पड़ता। इमेज को लेकर सतर्क रहनेवाले नीतीश ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते थे।
उपेंद्र कुशवाहा ने दी नए मंत्रियों को बधाई
पटना राजभवन में जब मंत्री शपथ ले रहे थे तो उपेंद्र कुशवाहा हॉल में मौजूद नहीं थे। मगर दूर से ही पैनी नजर रखे हुए थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘बिहार सरकार के मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सभी माननीयों को हार्दिक बधाई। कामना है कि सरकार में शामिल सभी मंत्री बेहतर आपसी समन्वय के साथ श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व को पूरी ताकत देंगे। साथ ही बिहार में पूर्ण अमन-चैन को बनाए रखते हुए विकास को नई ऊंचाई तक पहुंचाएंगे। ख्याल रहे, सिर्फ बिहार ही नहीं पूरे देश के लोगों की नजर है हमारे ऊपर।’ उन्होंने नीतीश के बीजेपी को छोड़कर आरजेडी का रुख करने पर लिखा था, ‘नए स्वरूप में नए गठबंधन के नेतृत्व की जवाबदेही के लिए नीतीश कुमार जी को बधाई। नीतीश जी आगे बढ़िए। देश आपका इंतजार कर कर रहा है।’
‘न तो कोई इच्छा है और न मैं चाहता हूं’
हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी और मंत्री पद की मांग का खंडन किया। इसे भ्रामक बताया। उन्होंने कहा कि ‘ऐसी कोई बात नहीं है’। जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष कुशवाहा ने कहा कि मैं जेडीयू में जहां हूं और संतुष्ट हूं। जब एनबीटी ने उसने ये सवाल पूछ कि आपको मंत्री पद की इच्छा है? तो उन्होंने साफ तौर पर इस सवाल के जवाब में इनकार करते हुए कहा कि मुझे न तो कोई इच्छा है और न मैं चाहता हूं कि मुझे कोई पद दिया जाए। उन्होंने नाराजगी और नाराज होकर दिल्ली जाने की सूचना को भी भ्रामक बताया।
जेडीयू कोटे से एमएलसी हैं कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैं पटना में नहीं हूं लेकिन मैं दिल्ली भी नहीं हूं। मैं बिहार में ही हूं और रही बात मेरी नाराजगी की तो ये बातें कहां से आ रही हैं, मैं नहीं जानता हूं। उपेंद्र कुशवाहा मानव संसाधन विकास मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे हैं। राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। फिलहाल बिहार विधानसभा में जेडीयू कोटे से एमएलसी हैं।