बिहार विधानसभा में अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष द्वारा जमकर हंगामा किया गया। जिसके कारण सदन की कार्रवाई को स्थगित किया गया। जिसपर निराशा जताते हुए कानून मंत्री ने राज्य विधानसभा के बाहर ये घोषणा की। उन्होंने कहा कि कई देशों में सशस्त्र बलों के निचले रैंकों में संविदा भर्ती की प्रणाली को अपनाया गया है।
सेना भर्ती की नई योजना ‘अग्निपथ’ के विरोध में बिहार में राजद और कांग्रेस के विरोध के बीच वहां के एक मंत्री ने कहा है कि लोग अग्निपथ योजना के समर्थन में हैं। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा की जीत इसका उदाहरण है। उन्होने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की कुछ लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में पार्टी की सफलता सशस्त्र बलों में भर्ती की विवादास्पद नई योजना अग्निपथ को वोट देने के समान है।
अग्निपथ योजना पर विरोध को लेकर बोले कानून मंत्री प्रमोद कुमार
दरअसल, बिहार विधानसभा में अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष द्वारा जमकर हंगामा किया गया। जिसके कारण सदन की कार्रवाई को स्थगित किया गया। जिसपर निराशा जताते हुए कानून मंत्री ने राज्य विधानसभा के बाहर ये घोषणा की। उन्होंने कहा कि कई देशों में सशस्त्र बलों के निचले रैंकों में संविदा भर्ती की प्रणाली को अपनाया गया है।
भाजपा नेता और कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और रामपुर के लोगों ने दिखा दिया है कि जनता अग्निपथ के पक्ष में है। हमारी पार्टी ने वहां बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि ऐसा क्यों है कि बिहार हिंसक विरोधों की चपेट में है, जबकि कई अन्य राज्य जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए है वे इस तरह की हिंसा से अछूते रहे हैं?
बिहार विधानसभा में हुआ हंगामा
इससे पहले अग्निपथ योजना के विरोध में आज दूसरे दिन एक बार फिर बिहार विधानसभा में विपक्षी पार्टियों ने जमकर नारेबाजी की। विपक्षी दलों ने इस योजना को प्रधानमंत्री द्वारा एक तानाशाही कदम बताया। बता दें कि ललित यादव (राजद) और अजीत शर्मा (कांग्रेस) के स्थगन प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार करने की विपक्षी विधायकों की जोरदार मांगों के बीच सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू हुई। लेकिन भारी हंगामे के कार्यवाही स्थगित करना पड़ा।
बिहार में हिंसक हो उठा था विरोध
गौरतलब है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 15 दिन पहले अग्निपथ योजना की घोषणा के अगले दिन से ही इसे लेकर बिहार में विरोध शुरू हो गया था। बिहार में विरोध हिंसक भी हो गया था। भाजपा के कई नेताओं को प्रदर्शनकारियों ने अपना निशाना बनाया था। विरोध के नाम पर प्रदर्शनकारियों ने दो जिलों में पार्टी के कार्यालयों में आग लगा दी थी, जबकि डिप्टी सीएम रेणु देवी और प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित कई वरिष्ठ नेताओं के घरों और वाहनों में तोड़फोड़ की गई थी।