जहां छह वहां राह, यह बात मुंबई के वाड़ी बंदर की झोपड़पट्टी में रहने वाले मोहम्मद हुसैन सैयद ने सच साबित करके दिखाई है। हुसैन के पिता मुंबई डॉक में मजदूरी करते हैं लेकिन उन्होंने बेटे की पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आने दी। पढ़ाई के अनुकूल माहौल न मिलने के बाद भी हुसैन ने पांचवी बार में आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया।
घर में पढ़ाई के अनुकूल माहौल नहीं था
मोहम्मद हुसैन के पास एक नहीं कई मुसीबतें थी मसलन उनकी खराब आर्थिक स्थिति के साथ- साथ जगह की कमी। इसके अलावा घर में पढ़ाई के अनुकूल माहौल नहीं था। साथ ही सिविल सेवा परीक्षा के संबंध में शुरुआत में बहुत कम जानकारी और जरूरी मार्गदर्शन और संसाधनों की कमी का भी सामना करना पड़ा। इन सब चुनौतियों को पछाड़ते हुए 27 वर्षीय मोहम्मद पांचवें प्रयास में ऑल इंडिया 570 रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास करने में कामयाब रहे।
परिवार ने बहुत साथ दिया
मोहम्मद हुसैन के मुताबिक एक बार जब वह अपने पिता के साथ एक सरकारी दफ्तर में गए थे। तभी उनके जहन में आईएएस अधिकारी बनने का जज्बा पैदा हुआ। हुसैन कहते हैं कि मेरी इस यात्रा के दौरान मेरे परिवार ने हमेशा साथ दिया। यहां तक की घरेलू समस्याओं से भी दूर रखने की कोशिश की ताकि मेरा ध्यान पढ़ाई से न भटके। हुसैन ने बताया कि जब भी वह परीक्षा देने जाते थे तो उनके पिता भी साथ जाते थे। मुंबई के वाड़ी बंदर की झुग्गियों में रहने वाले मोहम्मद हुसैन के साथ उनकी नानी, माता-पिता, बड़े भाई और उनकी पत्नियां व बच्चे रहते हैं।
मोहम्मद हुसैन की माने तो उनके दादा सरकारी नौकरी करते थे लेकिन उनके पिता कभी स्कूल नहीं गए। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत डॉकयार्ड में ट्रकों से सामान उतारने और लादने वाले मजदूर के रूप में की थी। धीरे-धीरे वह लेबर सुपरवाइजर बने। उनके भाई भी डॉक में काम करते थे।