Somewhere it is raining as a disaster and somewhere it is a relief.

किसानों से रबी फसलों का बीमा करवाने का आग्रह

सोलन जिला में पुनरोत्थान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा पुनरोत्थान मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत विभिन्न रबी फसलों का बीमा किया जा रहा है। यह जानकारी कृषि उपनिदेशक सोलन डाॅ. राजेश कौशिक ने आज यहां दी।
राजेश कौशिक ने कहा कि पुनरोत्थान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी मौसम में गेहूं व जौ की फसलों को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत बीमा करवाने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2020 निर्धारित की गई है।
उन्होंने कहा कि पुनरोत्थान मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत रबी मौसम में टमाटर व जिला के धर्मपुर विकास खंड के लिए शिमला मिर्च की फसल को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत बीमा करवाने की अंतिम तिथि 28 फरवरी 2020 निर्धारित की गई है।
कृषि उपनिदेशक ने कहा कि किसान इन फसलों का बीमा अपने नजदीकी लोकमित्र केंद्रों के माध्यम से करवा सकते हैं। किसान अपने दस्तावेज जैसे जमाबंदी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, बिजाई प्रमाण पत्र इत्यादि लेकर लोकमित्र केंद्रों में जाएं अथवा आॅनलाइन पोर्टल पर आवेदन करें। उन्होंने कहा कि ऋणधारक किसान यदि इन योजनाओं का लाभ नहीं लेना चाहते तो वह संबंधित बैंक को इस बारे अंतिम तिथि से 7 दिन पूर्व अवश्य सूचित करें अन्यथा उनकी फसल का बीमा स्वतः हो जाएगा।
राजेश कौशिक ने कहा कि गेहूं की फसल के लिए कुल बीमित राशि 2400 रुपए तथा जौ की फसल के लिए बीमित राशि 2000 रुपए प्रति बीघा निर्धारित की गई है। किसानों को गेहूं की फसल के लिए 36 रुपए प्रति बीघा तथा जौ की फसल के लिए 30 रुपए प्रति बीघा प्रीमियम राशि अदा करनी होगी। टमाटर की फसल के लिए कुल बीमित राशि 8000 रुपए प्रति बीघा तथा शिमला मिर्च की फसल के लिए कुल बीमित राशि 3200 रुपए प्रति बीघा निर्धारित की गई है। किसानों को टमाटर की फसल के लिए 400 रुपए प्रति बीघा तथा शिमला मिर्च की फसल के लिए 160 रुपए प्रति बीघा प्रीमियम राशि अदा करनी होगी।
कृषि उपनिदेशक ने कहा कि पुनरोत्थान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पुनरोत्थान मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत कम वर्षा, सूखा, बाढ़, सैलाब, भूमि कटाव, ओलावृष्टि और फसल कटाई के उपरांत 02 सप्ताह तक होने वाले नुकसान तथा स्थानीय आपदाओं को कवर किया जाता है।
उन्होंने जिला के किसानांे से आग्रह किया है कि इन योजनाओं के अन्तर्गत अपनी फसलों का बीमा करवाएं ताकि फसलों का नुकसान होने पर बीमा कंपनियों से मुआवजा मिल सके। उन्होंने कहा कि बीमा करवाने के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी को चयनित किया गया है।
इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है