सोलन: सोलन के सुल्तानपुर स्थित एमएमयू में दाखिल 48 वर्षीय कोरोना मरीज कमलेश को यूरोलॉजी के डाक्टर विनोद चौहान और उनकी टीम ने एक नया जीवन दिया है। कोरोना काल में मरीजों के लिए समर्पित डाक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के कई किस्से सामने आए हैं जिसमें इन कोरोना वारियर्स ने अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों को सर्वश्रेष्ठ उपचार देकर उनके जीवन को बचाया है। ऐसे ही एक मामले में जिला बिलासपुर के मरीज कमलेश एमएमयू अस्पताल में पेशाब में रक्त आने की वजह से भर्ती हुआ था। लगातार बह रहे खून के चलते मरीज की हालत अस्थिर थी। कोरोना जांच में पॉज़िटिव पाए जाने के बावजूद एमएमयू के यूरोलॉजी विभाग के डाक्टर विनोद चौहान ने मरीज का एमरजेेंसी आप्रेशन करने का फैसला किया। चूंकि लगातर खून बह रहा था इसलिए मरीज की जान को खतरा पैदा हो गया था। डा. विनोद चौहान और एनेस्थीजिया टीम ने इस मरीज का सफल आपरेशन कर जहां मरीज को नया जीवन दिया वहीं अपने पेशे में सर्वोच्च निष्ठा का उदाहरण भी पेश किया। कोरोना काल में खुद के संक्रमण के खतरों को जानते हुए भी अपने मरीज के लिए डाक्टर का ये कार्य काबिले तारीफ है।
डा विनोद ने बताया कि कमलेश नामक इस मरीज के मूत्राशय से दूरबीन के माध्यम से आप्रेशन कर टयूमर निकाला गया और लगातर बहते खून का बहना बंद किया। कोरोना के कारण वैसे ही मरीज की इम्यूनिटी बहुत कम हो जाती है और ऐसे में आप्रेशन मरीज के लिए तो जटिल प्रकिया होती ही है लेकिन डाक्टर और उनकी टीम को भी सामान्य से अलग सावधानियां और प्रोसिजर का पालन करना पड़ता है। पीपीई कीट पहन कर इस तरह के आप्रेशन सामान्य प्रक्रिया नहीं है इसलिए भी ये आपरेशन महत्वपूर्ण था।
उल्लेखनीय है कि डा. विनोद सिरमौर जिला के राजगढ से सबंध रखते है और एमएमयू से पहले फोर्टिस चंडीगढ, हिंदुराव अस्पताल दिल्ली और पूटापर्ती के चैरीटेबल अस्पताल में भी अपनी सेवाऐं दे चुके हैं।