US and South Korea Military Drill: अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने जॉइंट मिलिट्री ड्रिल की शुरुआत की है। सोमवार से शुरू हुआ ये युद्धाभ्यास अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हवाई एक्सरसाइज है। इसमें 24 घंटे मॉक हमले का अभ्यास किया जाएगा। इस युद्धाभ्यास का नाम ऑपरेशन विजिलेंट स्टॉर्म है।
वॉशिंगटन: अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने सोमवार से अपने सबसे बड़े संयुक्त सैन्य हवाई अभ्यास को शुरू किया। इस दौरान दोनों देशों ने 24 घंटे एक मॉक हमले का अभ्यास किया। ये अभ्यास पांच दिनों तक चलेगा। अमेरिकी वायु सेना ने पिछले सप्ताह एक बयान में कहा कि ये युद्धाभ्यास ऑपरेशन विजिलेंट स्टॉर्म है जो सोमवार से शुक्रवार तक चलेगा। इसमें लगभग 240 युद्धक विमान होंगे जो लगभग 1,600 उड़ान भरेंगे। अमेरिका की ओर से आगे कहा गया कि दोनों देशों के बीच ऑपरेशन के लिहाज से ये अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया का ये युद्धाभ्यास उत्तर कोरिया को जवाब देने के लिए है। इससे पहले दोनों देशों ने अगस्त 2017 में इस लेवल का युद्धाभ्यास किया था। उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया की शत्रुतापूर्ण नीतियों का प्रमाण बताते हुए युद्धाभ्यास की निंदा की है। इससे पहले दोनों देशों ने युद्धाभ्यास किया था, जिसके विरोध में उत्तर कोरिया ने समुद्र में मिसाइलें दागी। वहीं अमेरिका और दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया की ओर से संभावित खतरों का मुकाबला करने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण की जरूरत है।
F-35 फाइटर जेट भी होंगे शामिल
उत्तर कोरिया ने इस साल रेकॉर्ड संख्या में मिसाइल लॉन्च किए हैं। 2017 के बाद से पहली बार उसने परमाणु परीक्षण को शुरू करने की तैयारी की है। विजिलेंट स्टॉर्म में अन्य विमानों के अलावा F-35 स्टील्थ फाइटर जेट के वेरिएंट शामिल होंगे। ऑस्ट्रेलिया इस अभ्यास के लिए हवाई ईंधन भरने वाले विमान की तैनाती करेगा। अमेरिकी वायु सेना ने कहा, ‘दोनों देशों की वायुसेना जॉइंट सर्विस के साथ मिलकर प्रमुख हवाई मिशन जैसे क्लोज एयर सपोर्ट, डिफेंसिव काउंटर एयर और आपातकालीन वायु संचालन का 24 घंटे अभ्यास करेंगी।’
भड़का उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया की मिलिट्री एक्सरसाइज को उकसावे वाला बताया। किम जोंग उन ने मांग की है कि इसे तुरंत बंद किया जाए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘दक्षिण कोरिया और अमेरिका के लगातार लापरवाह सैन्य कदमों के कारण फिर से टकराव वाली स्थिति पैदा हो गई है।’