अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) के ताइवान दौरे को लेकर बड़ी बात कही है। बाइडेन ने कहा है कि अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने पेलोसी के दौरे फिलहाल अच्छा आइडिया नहीं बताया है। बाइडेन का ये बयान तब आया है जब चीन की तरफ से अमेरिका को पेलोसी के दौरे को लेकर बयान दिया गया था।
हाइलाइट्स
- अगर पेलोसी, ताइवान का दौरा करतीं तो ऐसा करने वालीं वो 25 साल में पहली अमेरिकी सांसद होतीं
- पेलोसी से पहले साल 1997 में रिपब्लिकन पार्टी के न्यूट गिंगरिच ने ताइवान का दौरा किया था
- पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर चीन की तरफ से आक्रामक प्रतिक्रिया आई थी
मिलिट्री का दिया हवाला
बाइडेन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि फिलहाल ये आइडिया अच्छा नहीं है। लेकिन मुझे पता नहीं है कि अभी इस दौरे की वर्तमान स्थिति क्या है।’ बाइडेन से पेलोसी के संभावित दौरे को लेकर सवाल पूछा गया था। बाइडेन के बयान से इशारा मिलता है कि पेलोसी अब ताइवान के दौरे पर नहीं जाएंगी। पेलोसी पहले अप्रैल माह में ताइवान का दौरा करने वाली थीं। लेकिन कोविड पॉजिटिव होने की वजह वो नहीं जा सकी थी।
अगर पेलोसी, ताइवान का दौरा करतीं तो ऐसा करने वालीं वो 25 साल में पहली अमेरिकी सांसद होतीं। पेलोसी से पहले साल 1997 में रिपब्लिकन पार्टी के न्यूट गिंगरिच ने ताइवान का दौरा किया था। ऐसी खबरें आई थीं कि पेलोसी ने अगले माह ताइवान का दौरान करने का मन बनाया था। हालांकि उनके ऑफिस की तरफ से इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया गया है। पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर चीन की तरफ से आक्रामक प्रतिक्रिया आई थी।
क्या था चीन का बयान
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिझियान ने कहा था कि चीन इस कदम को उन कूटनीतिक समझौते का गंभीर उल्लंघन मानता है जो चीन और अमेरिका के बीच बेहतर रिश्तों के मकसद से हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘चीन, अमेरिका से अपील करता है कि वो इस दौरे को न होने दे और अधिकारियों को आने से रोके, तनाव बढ़ने से रोके और अपने वादे को पूरा करे जो ताइवान को अलग न करने के समर्थन से जुड़ा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर अमेरिका इसी तरह से आगे बढ़ता रहेगा तो फिर चीन को मजबूत कदम उठाना पड़ेगा। उसे ऐसे कदम उठाने होंगे जो राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े हैं। अमेरिका को इसके नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।’ चीन ने मंगलवार को पेलोसी के दौरे को लेकर कूटनीतिक प्रतिक्रिया के अलावा मिलिट्री से जवाब देने की तरफ भी इशारा किया है। चीन ने सीधे तौर पर ऐसा कुछ नहीं कहा लेकिन उसने यह जरूर कहा है कि ये कदम भड़काने वाला है और इसका माकूल जवाब दिया जाएगा।