अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) अगले कुछ दिनों में अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) से बात कर सकते हैं। गुरुवार को खुद बाइडेन की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया है कि वो इस दौरान रूस के यूक्रेन पर हमले से लेकर कई और मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
तनावपूर्ण हैं संबंध
बाइडेन कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं अगले 10 दिनों में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करूंगा।’ बाइडेन ने मई में दावा किया था कि अगर चीन ने ताइवान को अपनी सीमा में मिलाने की कोशिशें कीं तो फिर अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करेगा। सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में अमेरिका और चीन के रक्षा प्रमुख मिले थे और दोनों के बीच तनावपूर्ण मौके देखे गए थे। मगर बाइडेन के बयान के बाद दोनों की मुलाकात काफी तनावपूर्ण हो
चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेगे ने बाइडेन के दावे को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि ये ताइवान रिलेशंस एक्ट के साथ धोखा होगा। इस एक्ट के तहत बाइडेन प्रशासन के हर अधिकारी को चीन के लिए बनी अमेरिकी नीति के बारे में विस्तार से जानकारी देनी पड़ती है। ताइवान हमेशा से अमेरिका और चीन के संबंधों में तनाव की वजह रहा है। ताइवान दोनों देशों के कई बार खराब संबंधों की वजह रहा है। चीन ने हमेशा से अमेरिका पर अपने रुख को बदलने का आरोप लगाया है।
चीन की मिलिट्री एक्शन की धमकी
बाइडेन ने गुरुवार को ही अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर बड़ा बयान दिया है। बाइडेन के बयान से इशारा मिलता है पेलोसी का दौरा अब टल सकता है। बाइडेन ने मिलिट्री के हवाले से कहा है कि इस वक्त पर पेलोसी का दौरा सही नहीं है। बाइडेन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि फिलहाल ये आइडिया अच्छा नहीं है। लेकिन मुझे पता नहीं है कि अभी इस दौरे की वर्तमान स्थिति क्या है।’ बाइडेन से पेलोसी के संभावित दौरे को लेकर सवाल पूछा गया था। बाइडेन के बयान से इशारा मिलता है कि पेलोसी अब ताइवान के दौरे पर नहीं जाएंगी। पेलोसी पहले अप्रैल माह में ताइवान का दौरा करने वाली थीं। लेकिन कोविड पॉजिटिव होने की वजह वो नहीं जा सकी थी।
अगर पेलोसी, ताइवान का दौरा करतीं तो ऐसा करने वालीं वो 25 साल में पहली अमेरिकी सांसद होतीं। पेलोसी से पहले साल 1997 में रिपब्लिकन पार्टी के न्यूट गिंगरिच ने ताइवान का दौरा किया था। ऐसी खबरें आई थीं कि पेलोसी ने अगले माह ताइवान का दौरान करने का मन बनाया था। हालांकि उनके ऑफिस की तरफ से इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया गया है। पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर चीन की तरफ से आक्रामक प्रतिक्रिया आई थी। चीन ने इशारों- इशारों में मिलिट्री एक्शन की धमकी तक दे डाली थी।