मेरिकी युद्धपोत के ऊपर से उड़ान भर रहे लड़ाकू विमान की पहचान चीनी नौसेना के जे-15 के तौर पर हुई है। जे-15 चीनी एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरने वाला लड़ाकू विमान है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह घटना चीन की मुख्य भूमि से काफी दूर दक्षिण या पूर्वी चीन सागर की हो सकती है। वर्तमान में चीनी नौसेना के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर ऑपरेशनल हैं।
बीजिंग: अमेरिका और चीन में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों ही देशों की नौसेनाएं दक्षिण चीन सागर में एक दूसरे के सामने डटी हुई हैं। कई ऐसे मौके भी आए हैं, जब अमेरिकी और चीन की नौसेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। इन दिनों चीनी लड़ाकू विमान की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वह अमेरिकी युद्धपोत के ऊपर से उड़ान भरता नजर आ रहा है। अमेरिका का युद्धपोत अर्ले बर्क क्लास का बताया जा रहा है। हालांकि, इस घटना के समय और जगह को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। इसके बावजूद अमेरिकी युद्धपोत के ऊपर से चीनी लड़ाकू विमान की उड़ान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सुरक्षा के कारण दुनिया के सभी देश खासकर शत्रुता वाले देश अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में एक दूसरे के युद्धपोतों, एयरक्राफ्ट कैरियर के पर्याप्त दूरी बनाकर रखते हैं।
अमेरिकी युद्धपोत के ऊपर उड़ रहा विमान चीन का जे-15
तस्वीर में अमेरिकी युद्धपोत के ऊपर से उड़ान भर रहे लड़ाकू विमान की पहचान चीनी नौसेना के जे-15 के तौर पर हुई है। जे-15 चीनी एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरने वाला लड़ाकू विमान है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह घटना चीन की मुख्य भूमि से काफी दूर दक्षिण या पूर्वी चीन सागर की हो सकती है। वर्तमान में चीनी नौसेना के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर ऑपरेशनल हैं। इनके नाम लिओनिंग और शेडोंग है, जो अधिकतर समय दक्षिण चीन सागर में ही गश्त करते रहते हैं। जे-15 लड़ाकू विमान इन्हीं दो एयरक्राफ्ट कैरियरों पर तैनात है।
अमेरिका का अर्ले बर्क क्लास विध्वंसक कितना ताकतवर
अर्ले बर्क क्लास का युद्धपोत वर्तमान में अमेरिकी नौसेना में शामिल सबसे बड़ा विध्वंसक है। अर्ले बर्क क्लास के युद्धपोतों पर कई तरह के आधुनिक हथियार और सिस्टम को तैनात किया गया है। इस गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर को अमेरिका नौसेना में 1991 में तैनात किया गया था। इस युद्धपोत को रूसी पनडुब्बियों का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया था। अब इसकी तैनाती ज्यादा खतरे वाले इलाकों में एंटी एयर, एंटी सबमरीन, सतह और जमीन से होने वाले हमलों को रोकने के लिए किया जाता है। इस युद्धपोत पर सी स्पैरो, टॉमहॉक और एएसआरओसी एंटी सबमरीन मिसाइलें तैनात हैं।