Notice to Lord Hanumanji : धनबाद में भगवान हनुमानजी को रेल मंडल ने अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया है। नोटिस में कहा गया है कि दस दिन के अंदर मंदिर से अतिक्रमण हटाओ अन्यथा आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सितंबर के लास्ट वीक में आए इस नोटिस से लोगों में गुस्सा है।
धनबाद: परेश रावल की एक फिल्म ओह माय गॉड में दिखाया गया था व्यक्तिगत क्षति होने पर भगवान को नोटिस भेजा गया था। कुछ ऐसा ही मामला झारखंड के धनबाज जिले से सामने आया है। हालांकि यहां एक ट्विस्ट है। यहां किसी व्यक्ति ने नहीं बल्कि रेल मंडल ने ही भगवान को नोटिस भेज दिया है। यहां धनबाद रेल मंडल ने हनुमान जी ने नाम नोटिस भेजा है। मामला जिले के बेकारबांध का है, जहां 1931 से हनुमान जी का मंदिर है। इस मंदिर में वहां के स्थानीय लोग प्रतिदिन पूजा-पाठ करते है। सोमवार की सुबह लोग जैसे ही पूजा करने गए तो मंदिर के मुख्य गेट पर रेलवे का नोटिस चस्पा देखा।
मंदिर के गेट पर चिपके हुए नोटिस में लिखा है कि आपने रेलवे की जमीन पर कब्जा कर रखा है। जल्द ही जमीन को खाली कर दीजिए। अन्यथा आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नोटिस 29 सितंबर को भेजा गया है। नोटिस कुछ इस तरह से ह
हनुमान मंदिर
बेकार बांध कॉलोनी
धनबाद।
विषयः अनाधिकृत रूप से बेकार बांध कॉलोनी में रेल जमीन पर अवैध कब्जा करने के संबंध में।
सदर्भः – वरीय अनुभाग अभियंता कार्य (1) धनबाद का पत्र सं० एल / 2
दिनांक 27/9/2022
उपरोक्त विषय के संबंध में आपको सूचित किया जाता है कि आपने उपरोक्त रेल जमीन पर (मंदिर) जो आपने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है जो कानूनन अपराध है। अतः आपको निर्देश दिया जाता है कि पत्र प्राप्ति के दस दिन के अन्दर उपरोक्त रेल जमीन को यथाशीघ्र रेल जमीन को खाली कर वरीय
अनुभाग अभियंता को सुपूर्द कर दें, अन्यथा आपके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसे अति आवश्यक समझे।
नोटिस को लेकर लोगों में आक्रोश
इसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश देखा गया। लोगों का कहना है कि लगभग कई दशकों से यहां रह रहे हैं। आज तक रेलवे ने कभी नोटिस नहीं दिया। पहली बार यह नोटिस मिला है। रेलवे पहले आम लोगों को नोटिस दिया करती थी। पहली बार भगवान को नोटिस दिया गया है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसका हमलोग विरोध कर रहे हैं।
मंदिर के बाद लोगों को भी मिला नोटिस
बताते चले कि मंदिर में नोटिस चिपकाने के बाद वहां रह रहे लोगों को भी रेलवे ने नोटिस दिया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, वह जमीन रेलवे की है। वहां रह रहे लोग अनाधिकृत रूप से रह रहे हैं। उन्हें जल्द ही जमीन खाली करने को कहा गया है। (रिपोर्ट कन्हैया पाण्डेय)