केरल में एक ऐसा मंदिर है, जहां के सेवादार दरवाजा बंद करने से पहले पूछते हैं, कोई भूखा तो नहीं है. इस मंदिर के भक्तों की बस एक ही कोशिश रहती है कि मंदिर के गेट से कोई भी भूखा न लौटे. देर शाम तक यह गरीबों को खाना परोसता है. इस मंदिर का नाम वाईकॉम महादेव मंदिर है, जोकि केरल के कोट्टयम जिले में मौजूद है.
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यह दक्षिण भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है. यहां सदियों पुरानी अन्नदान की परंपरा अभी तक चली आ रही है. जिसके तहत मंदिर की रसोई में हर रोज सुबह-शाम 2000 से ज्यादा लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है. कहते हैं, इस मंदिर के मेट गेट को बंद करने से पहले, सेवादार आवाज लगाते हैं, क्या कोई है, जो रात के खाने के लिए भूखा है. जवाब में अगर कोई व्यक्ति हां कहता है, तो उसके लिए तत्तकाल भोजन का इंतजाम कराया जाता है. इसके बाद ही मंदिर का मुख्य द्वार बंद किया जाता है. यह काम नियमित रूप से रोज किया जाता है.
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कहते हैं, अभी तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि मंदिर की यह परंपरा टूटी हो. कोरोना काल में भी इस मंदिर की रसोई ने जरूरतमंदों के लिए भोजन तैयार किया गया. यहां शिव को वैक्कथप्पन और अन्नदाना प्रभु नाम से पुकारा जाता है.