Vande Bharat Express: विदेशों में भी वंदे भारत एक्सप्रेस की धूम, कई देशों को एक्सपोर्ट करने की तैयारी

भारत की वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) की विदेशों में भी धूम है। रेलवे की योजना इस ट्रेन को 2025-26 तक कई देशों को एक्सपोर्ट करने की है। इनमें यूरोप, दक्षिण अमेरिका और पूर्वी एशिया के कई देश शामिल हैं। 2024 तक तीसरी पीढ़ी की वंदे भारत एक्सप्रेस आने की उम्मीद है।

Vande Bharat Express

नई दिल्ली: ब्रह्मोस मिसाइल के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Train) ट्रेन की भी विदेशों में चर्चा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल में कहा था कि कई देशों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। रेलवे अब इसके निर्यात की भी योजना बना रहा है। भारतीय रेलवे 2025-26 तक यूरोप, दक्षिण अमेरिका और पूर्वी एशिया के बाजारों में वंदे भारत रेलगाड़ियों का निर्यात करने की तैयारी कर रहा है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि शयनयान श्रेणी वाली स्वदेशी रेलगाड़ियों का नया संस्करण 2024 की पहली तिमाही तक आ जाएगा। अभी देश में पांच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रहीं हैं। इनमें दो पुरानी पीढ़ी की और तीन नई पीढ़ी की हैं। पहली वंदे भारत एक्सप्रेस 2019 में नई दिल्ली और वाराणसी के बीच शुरू की गई थी। वैष्णव का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें और सुधार चाहते हैं। इसलिए रेलवे ने तीसरी पीढ़ी की वंदे भारत एक्सप्रेस के डिजाइन पर काम करना शुरू कर दिया है। इसका वजन काफी हल्का होगा।

अधिकारी ने कहा कि रेलवे अगले कुछ वर्षों में 75 वंदे भारत रेलगाड़ियों के जरिए 10-12 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने की योजना बना रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘रेलगाड़ियों के निर्यात के लिए परिवेश अगले दो से तीन वर्षों में तैयार किया जाएगा। हम अगले तीन वर्षों में 475 वंदे भारत रेलगाड़ियों का निर्माण करने की राह पर हैं और एक बार उनका सफलतापूर्वक संचालन होने के बाद… वैश्विक बाजारों में हमारे उत्पादों के लिए भरोसा होगा। वंदे भारत रेलगाड़ियां सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती हैं।’ उन्होंने कहा कि इन रेलगाड़ियों में यात्रियों को कोई झटका नहीं लगता है और शोर का स्तर विमान के मुकाबले 100 गुना कम है।

टिल्टिंग ट्रेन
अधिकारी ने कहा कि भारत को 2025-26 तक अपनी पहली झुकने में सक्षम (टिल्टिंग) रेलगाड़ी मिलेंगी। ‘टिल्टिंग ट्रेनों’ में ऐसी व्यवस्था होती है, जिससे ‘ब्रॉड-गेज ट्रैक’ पर उनकी गति तेज होती है। वहीं मोड़ आने पर वे झुकने में सक्षम होते हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल करके 100 वंदे भारत रेलगाड़ियों का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी मदद से रेलगाड़ियां घुमावदार मोड़ पर मोटरसाइकिल की तरह तेजी से घूम सकेंगी। उन्होंने कहा कि 2025 तक बनने वाली 400 वंदे भारत रेलगाड़ियों में से 100 में यह तकनीक होगी। अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पास देश में झुकने में सक्षम रेलगाड़ियां होंगी। हम इसके लिए एक प्रौद्योगिकी भागीदार के साथ गठजोड़ करेंगे। हमारे पास अगले दो से तीन वर्षों में 100 वंदे भारत रेलगाड़ियों में यह तकनीक होगी।’