Varanasi: 60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 50 करोड़ कैश बाबा विश्वनाथ को अपर्ण, शिवभक्तों ने किया रेकॉर्ड दान

Kashi Vishwanath Dham Temple Varanasi: काशी विश्वनाथ धाम ने अपने पहले ही साल में चढ़ावे के सभी रेकॉर्ड को तोड़ दिए हैं। यहां भक्तों ने बढ़-चढ़कर दर्शन किया। साथ ही चढ़ावे में करीब 100 करोड़ की नकदी और सोना, चांदी चढ़ाया है। इसमें भक्तों ने ऑनलाइन भी दान की राशि ट्रांसफर की। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का खर्च भी ऐसे में 4 से 5 साल में पूरा हो जाएगा।

काशी विश्ननाथ मंदिर में 100 करोड़ का रेकॉर्ड दान चढ़ाया
Kashi Vishwanath Dham Varanasi

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में ना केवल भक्तों की संख्या बल्कि उनके चढ़ावे में रेकार्ड बढ़ोत्तरी हुई है। जानकारी के मुताबिक काशी विश्वनाथ धाम ने अपने पहले ही साल में चढ़ावे के सभी रेकॉर्ड को तोड़ दिए हैं। बीते एक साल में काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) के दर्शन करने आए देश-विदेश के शिवभक्तों (Shiv Bhakt) ने दिल खोलकर बाबा के दरबार मे नकदी, सोना (Gold), चांदी (Silver) और अन्य धातुओं का चढ़ावा चढ़ाया है। यही वजह है कि मंदिर प्रशासन की ओर से चढ़ावे की रकम 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा आंकी जा रही है।

13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की पहली वर्षगांठ थी। इसके उपलक्ष्य में मंदिर प्रशासन की ओर से विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। धाम में चढ़ावे के बारे में जानकारी देते हुए मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा बताते हैं कि धाम के लोकार्पण से अबतक श्रद्धालुओं ने लगभग 50 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी दान की हैं। इसमें से 40 प्रतिशत धनराशि ऑनलाइन ट्रांसफर की गई है।

50 करोड़ से अधिक की बहुमूल्य धातु का चढ़ावा

सुनील कुमार के मुताबिक, काशी विश्वनाथ धाम में 60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 1500 किलो तांबा चढ़ाया गया है। इसकी कीमत 50 करोड़ से अधिक की आंकी गई है। इस तरह कुल मिलाकर 13 दिसंबर 2021 से लेकर अबतक श्रद्धालुओं ने 100 करोड़ से भी अधिक का चढ़ावा चढ़ाया है। काशी विश्वनाथ मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है। साथ ही गत वर्ष की तुलना में ये राशि लगभग 500 प्रतिशत से अधिक है। वहीं मंदिर प्रशासन के मुताबिक, लोकार्पण के बाद से लेकर अबतक मंदिर में 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है।

4 से 5 साल में निकल जाएगा निर्माण का खर्च

इस साल आए रिकार्ड चढ़ावे के बाद से यह मंदिर प्रशासन की ओर से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कॉरिडोर की लागत अगले 4 से 5 साल में भक्तों के चढ़ावे और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय से पूरी कर ली जाएगी। श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) के निर्माण और मुआवजा में तकरीबन 900 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसके लोकार्पण के बाद से वाराणसी में पर्यटकों और दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ी है। इसकी वजह से परिवहन, होटल, गेस्टहाउस, नाविकों, श्रमिकों, वस्त्र उद्योग, हेंडीक्राफ्ट और अन्य व्यवसाय से अर्थव्यवस्था भी रफ्तार पकड़ रही है।