वाराणसी: बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) के डॉक्टरों की एक स्टडी में चौकाने वाला तथ्य सामने आया है. आईएमएस बीएचयू (IMS-BHU) के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने शोध के बाद ये दावा किया है कि गंगा (Ganga) किनारे रहनेवाले लोगों में भूलने की बीमारी सामने आ रही है.
272 लोगों पर की गई स्टडी के बाद बीएचयू के डॉक्टरों ने ये चौंकाने वाला रिजल्ट पाया है. डॉक्टरों की मानें तो इस बीमारी में युवा वर्ग के लोग भी शामिल हैं. बीएचयू के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ वीएन मिश्रा ने बताया कि गंगा में प्रदूषण के कारण इस नदी के किनारे रहने वाले लोगों में अल्जाइमर यानी भूलने की बीमारी हो रही है. गंगा जल में मरकरी, लेड, रेडियम, मैग्नीशियम और जिंक के तत्त्व पाए गए. ये तत्त्व अल्जाइमर को जन्म दे रहे हैं. बीएचयू के ओपीडी में भी हर दिन 2 से 3 ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं. स्टडी करनेवाली टीम ने ये भी पाया कि मंडलीय अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है.
ऐसे हुआ शोध
बीएचयू के रिचर्स स्कॉलर और डॉक्टरों की टीम ने वीएन मिश्रा की अगुवाई में बनारस से लेकर फाफामऊ तक 272 लोगों पर अध्ययन किया. इस अध्ययन में इन 272 लोगों को दो भागों में बांटा गया. पहले भाग में गंगा के 25 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 160 लोग शामिल थे, जबकि दूसरे भाग में इसके बाहर आनेवाले 112 लोग इसका हिस्सा बने.
युवा भी बीमारी के शिकार
इन दो भागों में बंटे लोगों पर कई स्टेप पर शोध किए गए तो ये तथ्य सामने आया कि गंगा किनारे रहनेवाले लोग दूसरे लोगों के मुकाबले ज्यादा भुल्लकड़ हैं. इसमें 57 से 70 साल के उम्र के साथ युवा भी शामिल हैं. फिलहाल इस शोध को लेकर ये टीम आगे भी काम कर रही है. डॉ वीएन मिश्रा ने बताया कि हमारी टीम लगातार ऐसे लोगों का इलाज भी कर रही है.