मनाली. हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मनाली के सोलंग गांव में सोमवार को ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने से अस्थाई पुल टूट गया. इस दौरान दो किशोर नदी में बह गए, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं. घटना के बाद गांव में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. मंगलवार को यहां पर लोगों ने जमकर नारेबाजी की और साथ ही मौके पर पहुंचे पीडब्ल्यूडी के अफसरों को जमकर लताड़ लगाई. आलम यह रहा कि लोगों ने पीडब्ल्यूडी के जेई का जूतों की माला पहनाकर स्वागत किया.
दरअसल, गुस्साए सोलंग के ग्रामीणों ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को नदी के ऊपर से गुजर रहे अस्थाई पुल पर ही रोक दिया और करीब ढाई घंटे तक ये अधिकारी हवा में बने इस रोपवे ट्रॉली में फंसे रहे. अधिकारी यहां पर निरीक्षण के लिए पंहुचे थे और उनके यहां आते ही माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया. कुछ देर बाद गांव की महिलाएं भी मौके पर पहुंची. उन्होने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को करीब ढाई घंटे झूले में बैठाए रखे
बाद में महिलाओं ने झूले को अपनी ओर खींचा और जेई को जूते की माला पहनाकर अपना रोष प्रकट किया. घटना के वीडियो भी सामने आए हैं. ग्रामीणों ने स्थानिय विधायक और प्रदेश सरकार में शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की.
हालात बिगड़ते देख एसडीएम डा. सुरेन्द्र ठाकुर और डीएसपी हेम राज वर्मा भी मौके पर पहुंचे. पुलिस व प्रशासन के अधिकारी ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करते रहेस लेकिन ग्रामीण अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग कर रहे थे. इस दौरान काफी संख्या में पुलिस बस मौके पर तैनात रहा. एक वीडियो में जूतों की माला पहनाने के बाद लोगों ने अफसरों से कहा कि आपकी वजह से दो किशोरों की जान गई है, इसलिए आपका स्वागत जूतों की माला से किया जा रहा है.
7 साल से पुल का इंतजार
सोलंग गांव के लिए ब्यास नदी में बीते सात साल से पुल न बनने के कारण और झूला पुल की हालत ठीक न होने के चलते ग्रामीण अपना रोष प्रकट कर रहे थे. एसडीएम मनाली डा. सुरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि लोगों को समझाया गया. बुधवार को डीसी कुल्लू घटनास्थल का दौरा करेंगे. यहां काफी समय से पुल निर्माणधीन है, जिसका कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है. पीडब्ल्यूडी विभाग ने 3 माह में पुल बनाने की बात कही है.
पीडब्ल्यूडी विभाग के एसई केके शर्मा ने बताया कि जल्द से जल्द पुल निर्माण किया जाएगा. ग्रामीणों का रोष जायजा है. किशोरों की बहने की घटना काफी दुखद है. पुल निर्माण में देरी हुई है और ठेकेदार पर कार्रवाई की गई है. अगर अब भी पुल पूरा नहीं हुआ और ठेकेदार काम शुरू नहीं करता है तो टेंडर रद्द कर दूसरे ठेकेदार को काम दिया जाएगा.
जान जोखिम में डालकर ब्यास करते हैं पार- ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि पुल ने होने के कारण उन्हें जान जोखिम में डाल कर नदी को पार करना पड़ता है. बीते सोमवार को भी अस्थायी पुल के टूट जाने से 2 युवक नदी में बह गए हैं. पुल निर्माण का काम काफी धीमी गति से चला है. सात साल होने के बाद भी पुल तैयार नहीं हो पाया है. बता दें कि दोनों किशोरों में से एक के शव का आधा ही हिस्सा मिला है. 100 से ज्यादा लोगों की टीमें आधे शव की तलाश कर रही हैं.