Video: ईरान में हिजाब का विरोध करने पर खून खराबा, पुलिस बरसा रही प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां

22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान में लोग हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. (Image: Twitter/1500Tasvir)

22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान में लोग हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं

तेहरान. ईरान में हिजाब को लेकर हिरासत में ली गई छात्रा की मौत (Death of  Mahsa Amini) के एक हफ्ते बाद भी हालात काबू में नहीं आ सके हैं. 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत से गुस्साए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस अब गोलियों का सहारा ले रही है. सोशल मीडिया पर प्रदर्शन से जुड़े हिंसा के कई वीडियो परेशान करने वाले हैं. ईरान पर रिपोर्ट करने वाले ट्विटर हैंडल ‘1500tasvir’ के अनुसार पुलिस लोगों पर अब सीधे गोलियां चला रही हैं. हिंसा से जुड़े ऐसे कई वीडियो को शेयर करते हुए लोगों ने इस्लामिक रिपब्लिक के सुरक्षा बलों पर सवाल खड़े किये हैं.

गोलियां बरसाती दिख रही है पुलिस
प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाने का यह वीडियो ईरान के महमूदाबाद शहर का है, जहां रात के समय प्रदर्शनकारियों पर दागी जा रही गोलियों की आवाज को सुना जा सकता है. इस वीडियो में महसा अमिनी की मौत के बाद सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को तीतर बितर करने के लिए स्थानीय सुरक्षा बल के जवान गोलियों का सहारा ले रहे हैं. हालांकि इस गोलीबारी में कितने लोगों के हताहत होने की खबर है इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. एक अन्य वीडियो में देखा जा सकता है कि रात में प्रदर्शनकारियों को ग्रीन लेज़र लाइट की मदद से पहचानकर पुलिस गोलियां चला रही है. वहीं लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

पुलिस स्टेशन को किया आग के हवाले
न्यूज़ 18 ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि हिजाब विरोधी इन प्रदर्शन से गुस्साए लोगों ने कई पुलिस स्टेशनों और वाहनों में आग लगा दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों के बल प्रयोग से नाराज होकर पुलिस पिक पॉइंट पर पहुंचे थे जहां उन्होंने उसे आग के हवाले कर दिया. अमिनी की मौत के बाद फूटा लोगों का गुस्सा 2019 में ईंधन को लेकर हुए प्रदर्शनों के बाद सबसे हिंसक माना जा रहा है, जब 1500 लोगों की मौत हुई थी.

10 लोगों की गई जान
कुर्द अधिकार समूह हेंगॉ की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को सुरक्षा बलों द्वारा तीन प्रदर्शनकारियों को मार दिया गया, जिससे मरने वालों की संख्या 10 हो गई है. वहीं ईरान के कई शहरों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है जिसके कारण विरोध की अधिक तस्वीरें सोशल मीडिया तक नहीं आ पा रही हैं. सुरक्षा बल अपने बल प्रयोग के कारण नागरिक की मौत की खबरों को सही नहीं मान रहे हैं.