भाजपा नेता कृपाल परमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन उस समय आया, जब कृपाल परमार पार्टी हाईकमान से आ रहे फोन नहीं उठा रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फतेहपुर से भाजपा के बागी नेता कृपाल परमार के बीच आपस में हुई तथाकथित बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। हालांकि इस वीडियो और बातचीत की सत्यता अभी भी पुष्ट नहीं हो पाई है। जानकारी के अनुसार आजाद चुनाव लड़ रहे भाजपा नेता कृपाल परमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन उस समय आया, जब कृपाल परमार पार्टी हाईकमान से आ रहे फोन नहीं उठा रहे थे
तब वे अपने चुनाव निशान के साथ घर-घर दस्तक देने निकल पड़े थे। इसके बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने भाजपा नेता ओपी चौधरी के फ़ोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात कृपाल परमार से करवाई। उसका एक वीडियो आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में कृपाल परमार के साथ भाजपा के ओबीसी नेता ओपी चौधरी भी नजर आ रहे हैं।
वीडियो में नरेंद्र मोदी कृपाल परमार को यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वे चुनाव प्रचार करना बंद कर दें,आगे की जिमेदारी मेरी है। वहीं, कृपाल परमार ने कहा कि यह मेरे लिए भगवान का आदेश है। अगर दो दिन पहले फोन हो गया होता। वहीं, कृपाल परमार ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 15 साल मुझे
बहुत प्रताड़ित किया है ।
बातचीत के अंश
परमार: मैं कब बोलूंगा, कौन सुनेगा।
आगे मोदी जी बोलते हैं… सुन लीजिए..
परमार: मोदी जी, मैं एक बात कहूं।
मोदी : मैं कुछ नहीं सुनूंगा, मेरा तुम पर हक है न… मैं कुछ नहीं सुनूंगा।
(स्पीकर पर की जा रही यह वार्ता सुनकर परमार समर्थकों की तालियां बजती हैं)
परमार: हक तो मेरा भी है
मोदी: मेरा तुम पर हक है,नहीं
चलेगा ये।
परमार: मोदी जी, नड्डा जी ने मुझे जलील किया है पंद्रह साल।
मोदी: सुन लीजिए, अगर तुम्हारी जिंदगी में मोदी का कोई रोल है…..
परमार: बहुत रोल है।
मोदी : मैंने जो तुम्हें फोन किया है, उस फोन की कीमत कम मत आंकना।
परमार: कम नहीं है, यह मेरे लिए भगवान का आदेश है।
मोदी : यह आदेश पूरा कर दो बाकी जिम्मेदारी मेरी।
परमार : मोदी जी, अगर दो दिन पहले हो जाता।
(इसी बीच मोदी जी बात बीच में ही काट देते हैं)
मोदी….. शुक्रिया।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृपाल परमार पर दबाव बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश की है। भाजपा हिमाचल विस चुनावों में हारने जा रही है। पीएम मोदी को हार का डर सता रहा है इसलिए वे पार्टी के नेताओं को धमका रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री की वरीयता सूची दुर्भाग्यवश बेहद विकृत है। इस सरकार के लिए सुशासन नहीं बल्कि चुनावी प्रचार और चुनावी काम ही सबसे ज्यादा जरूरी हैं। देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने की बजाय प्रधानमंत्री दौरे करने में व्यस्त हैं।