5 माह तक ‘मुस्कान’ को पाला बच्चे की तरह, हिरण के बच्चे को बोतल से दूध पिला कर किया बड़ा, पेश की अनूठी पहल, मुस्लिम दंपति ने मुस्कान को 5 माह तक पाल वन विभाग को किया सुपुर्द, आंसू भरी आंखों से दी विदाई, हो रही सोशल मीडिया पर तारीफ
जैसलमेर: एक मां भी बच्चे को तब तक दूध नहीं पिलाती जब तक वह रोने न लग जाए। लेकिन रोता बिलखता बच्चा तब भी शांत हो जाता है जब उसकी मां मातृत्व के आंचल में छिपा लेती है। लेकिन यहां जिस बच्चे की बात कर रहे हैं वो न रो सकता है और न बिलखना जानता है। न उसकी मां है जो अपने आंचल की छांव में उसे दूध पिला सके। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के जैसलमेर के लाठी क्षेत्र की ‘मुस्कान’ की। मुस्कान किसी लड़की का नहीं बल्कि एक हिरण के बच्चे का नाम है। मुस्कान और उसकी मां अपने झुंड से बिझड़ गए थे। इसके बाद कुत्तों ने उन्हें घेरकर कर शिकार बनाया। इसमें मुस्कान की मां की मौत हो गई। ऐसे में जंगल में बगैर मां मुस्कान का जीना दुभर हो गया। वो भी ऐसी उम्र में जब उसने ठीक से खड़ा होना नहीं सीखा था। लेकिन तब उसे एक परिवार ने आवारा कुत्तों से न सिर्फ बचाया बल्कि मातृत्व भाव से पांच महीने तक उसे पाला पोसा भी।
जान बचाने के लिए बोतल से गाय का दूध पिलाया
हम बात कर हरे हैं जैसलमेर जिले के लाठी क्षेत्र के केरालिया गांव के एक मुस्लिम परिवार की। इस परिवार ने अनूठी मिसाल पेश करते हुए बगैर मां के हिरण के बच्चे की जान बचाने के लिए उसे बोतल से गाय का दूध पिलाया। उसका पालन-पोषण कर उसकी जिंदगी बचाई। केरालिया गांव निवासी हकिम खान ने आवारा कुत्तों का शिकार हुई मादा हिरण की मौत के बाद उसके बच्चे को 5 महीने तक पाला है। अपने बच्चे की तरह परवरिश करते हुए गाय का दूध पिलाया। पालन-पोषण कर जिंदा रखा और उसे ‘मुस्कान’ नाम दिया।