Video : पुतिन ने लेटकर स्नाइपर राइफल से लगाया निशाना, न्यूक्लियर फुटबॉल लेकर पहुंचे मिलिट्री ट्रेनिंग कैंप

Putin with Nuclear Football : ट्रेनिंग कैंप में पुतिन के साथ एक शख्स अलग तरह का बैग लिए हुए था। माना जा रहा है कि इसमें उनकी कुछ जरूरी दवाइयां हो सकती हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद से पुतिन के स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की अफवाहें तेज हो गई हैं।

मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को एक रूसी मिलिट्री ट्रेनिंग कैंप में नजर आए। यह एक दुर्लभ मौका था क्योंकि इस दौरान पुतिन ने एक स्नाइपर राइफल से फायरिंग भी की। सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे एक वीडियो में पुतिन रूसी SVD स्नाइपर राइफल चलाते नजर आ रहे हैं। इस दौरान उनके साथ एक शख्स था जिसके हाथ में एक बॉक्स था। पश्चिमी मीडिया इसे पुतिन की ‘न्यूक्लियर फुटबॉल’ करार दे रहा है। मॉस्को से करीब 100 मील दक्षिण-पूर्व में रियाज़ान क्षेत्र में एक ट्रेनिंग ग्राउंड में पुतिन ब्लैक जैकेट और प्रोटेक्टिव चश्मे में जमीन पर लेटकर निशाना लगाते नजर आए। हाल ही में 70 साल के हुए पुतिन अक्सर अपनी फिटनेस से सभी को चौंका देते हैं।

द सन की खबर के अनुसार, जाल के नीचे लेते पुतिन करीब 300 मीटर दूर मौजूद एक टारगेट पर गोलियां चलाते नजर आए। उनका निशाना टारगेट पर लगा या नहीं, अस्पष्ट है और न ही ट्रेनिंग कैंप के इस दौरे को लेकर कोई स्पष्टीकरण जारी किया गया है। कहा जा रहा है कि पुतिन के पीछे सादे कपड़ों में चल रहे शख्स के हाथ में ब्रीफकेस पुतिन की ‘न्यूक्लियर फुटबॉल’ जैसा था। विशेषज्ञ इसे पश्चिम को डराने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं।

दवाइयों के साथ ट्रेनिंग कैंप पहुंचे पुतिन?
रिपोर्ट के अनुसार, एक दूसरे शख्स के हाथ एक अलग तरह का बैग था जिसमें संभवतः पुतिन की दवाइयां हो सकती हैं। कई साल के पुतिन की बीमारी को लेकर तरह-तरह की अफवाहें उड़ रही हैं। लेकिन आठ महीने पहले यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूसी राष्ट्रपति के स्वास्थ्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। फरवरी में युद्ध की शुरुआत के बाद से पुतिन ने कभी भी अग्रिम मोर्चे का दौरा नहीं किया।

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अप्रैल में दिखा था न्यूक्लियर सूटकेस
पुतिन का न्यूक्लियर सूटकेस इससे पहले अप्रैल में भी नजर आया था जब वह एक करीबी के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे थे। जासूसों और राजनयिकों को ट्रेनिंग देने वाले मॉस्को के एक इंस्टीट्यूट में पूर्व प्रोफेसर, वरलेरी सोलोवी ने दावा किया है कि पुतिन ने पिछले दिनों दो परमाणु परीक्षणों का आदेश दिया था लेकिन वे संभव न हो सके। इनकी विफलता के पीछे तकनीकी गड़बड़ी या ‘अधिकारियों की अनिच्छा’ जिम्मेदार हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि पुतिन का अधिकार कमजोर हो रहा है।