पेरिस. ईरान में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद से विरोध प्रदर्शन की आग पिछले 5 हफ्ते से धधक रही है. वहीं सरकार इस विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए तरह-तरह की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है, जिसके चलते गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को फिर से सड़कों पर उतरकर जमकर प्रदर्शन किया.
बता दें कि महसा अमिनी की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसे बाद से पूरे ईरान में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है. देश में वर्षों से देखे जा रहे सड़क विरोधों की सबसे बड़ी लहर में युवा महिलाएं सबसे आगे रही हैं.
प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने तेहरान के शरीयती टेक्नोलॉजी और बिजनेस कॉलेज में आयोजित एक सभा का वीडियो शेयर किया है. वीडियो में महिलाएं जमकर नारेबाजी कर रही हैं. वीडियो में गन, टैंक और ‘मुल्लाओं भाग जाओ’ जैसे नारे लगा रही हैं.
न्यूज एजेंसी एएफपी द्वारा सत्यापित फुटेज में, तेहरान के पश्चिम में हमदान शहर में एक ऐतिहासिक गोल चक्कर के पास करोड़ों लोगों ने नारेबाजी करते हुए और सीटी बजाते हुए सुरक्षा बलों पर चीजें फेंकी.
ऑनलाइन मॉनिटर नेटब्लॉक्स द्वारा इंटरनेट ट्रैफ़िक में एक बड़ा व्यवधान कहे जाने के बाद भी ट्विटर पर वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें प्रदर्शनकारी उत्तर-पश्चिमी शहर अर्दबील की सड़कों पर भी नजर आ रहे हैं. वहीं विरोध और पुलिस उल्लंघन पर नजर रखने वाले 1500 तस्वीर सोशल मीडिया चैनल ने कहा कि अमिनी के होम टाउन कुर्दिस्तान प्रांत के साकेज और पश्चिम अजरबैजान के इलाकों में शनिवार को दुकानदारों ने प्रदर्शन का समर्थन करते हुए अपनी दुकानों को बंद रखा.
अमेरिका स्थित अधिकार निगरानीकर्ता ‘‘एचआरएएनए’’ के अनुसार, 17 सितंबर को ईरान में शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद से कम से कम 233 प्रदर्शनकारी मारे गए हैं. समूह ने कहा कि मृतकों में 32 की उम्र 18 वर्ष से कम थी. इससे पहले ओस्लो स्थित ‘‘ईरान ह्यूमन राइट्स’’ का अनुमान है कि 201 लोग मारे गए हैं.