चीन ने दुनिया की सबसे फाटेस्ट मैग्लेव ट्रेन की एक झलक जर्मनी में आयोजित ट्रेड फेयर में दिखाई.
बर्लिन. चीन ने हाल ही में दुनिया की सबसे तेज चलने वाली मैग्लेव ट्रेन की एक झलक जर्मनी की राजधानी बर्लिन में रेलवे इंडस्ट्री के ट्रेड फेयर में दिखाई. इस ट्रेन की अधिकतम 600 किमी प्रतिघंटा है. चीन की ट्रेन निर्माता कंपनी CRRC के मुताबिक, इस ट्रेन को देसी तकनीक से विकसित किया गया है और ट्रेन के प्रोटोटाइप का टेस्ट रन पहले ही हो चुका है और यह सफल रहा है. चीन में तेज गति की मैग्लेव ट्रेन परियोजना की शुरुआत अक्टूबर, 2016 में हुई थी. 2019 में 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की इस ट्रेन का प्रोटोटाइप बनाया गया. इसका सफल परीक्षण जून, 2020 में हुआ था.
1980 की शुरुआत से ही, कुछ कॉमर्शियल ट्रेनों को मैग्लेव ट्रेन तकनीकी से विकसित किया गया. इनमें इलेक्ट्रिक रूप से मैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल किया जाता है जो कि हाई स्पीड से डिब्बों को खीचती है. यह ट्रेन ट्रैक के ऊपर चलती तो है लेकिन परंपरागत ट्रेनों की तरह इसके पहिये रेल ट्रैक के संपर्क में नहीं आते हैं. फिलहाल, दक्षिण अफ्रीका, जापान में भी मैग्लेव ट्रेन चल रही हैं.
मैग्लेव ट्रेन चीन के शंघाई क्षेत्र में पहले से ही चल रही है. अब यह ट्रेन चीन की राजधानी बीजिंग और व्यापारिक राजधानी शंघाई के बीच की दूरी को ढाई घंटे में पूरा करेगी. चीन में 37,900 किमी का हाईस्पीड रेल का नेटवर्क पहले से ही है. चीन अगले 10 साल में इस नेटवर्क को दोगुना करने की योजना पर काम कर रहा है.
इतनी ही नहीं, चीन अब मैग्लेव कार बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है. वहां के रिसर्चर इस तकनीकी का इस्तेमाल कार पर भी करना चाहते हैं. हाल ही में, साउथवेस्ट जिया टोंग यूनिवर्सिटी में इस पर रिसर्च की गई है.
मैग्लेव व्हीकल तकनीकी से लैस कार का टेस्ट रन भी पूर्वी चीन में किया गया. 2.8 टन वजनी कार को मैग्नेट से बने हाईवे पर जमीन से 35 मिमी ऊपर दौड़ाया गया.