Vijendra Mehra objected to not inviting labor unions to the parliamentary committee meeting

संसदीय समिति की बैठक में मज़दूर यूनियनों को न बुलाने पर विजेंद्र मेहरा ने जताई आपत्ति

श्रम मुद्दों पर संसदीय समिति की शिमला के वाइल्डफ्लावर हॉल में हुई बैठक में मजदूरों की मांगों पर संसदीय समिति के सदस्य राज्य सभा सांसद व सीटू राष्ट्रीय सचिव एलामारम करीम से सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की व ज्ञापन सौंप कर आउटसोर्स व ठेका प्रथा पर रोक लगाने व उन्हें नियमित करने,मजदूरों को न्यूनतम वेतन 21 हज़ार रुपये देने,स्कीम वर्करज़ को नियमित करने,ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने,सार्वजनिक क्षेत्र को बेचने पर रोक लगाने व मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों को निरस्त करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में अभिमन्यु खोसला,दलीप सिंह,प्रदीप कुमार,किशोर चंद व अभी राम आदि सीपीडब्ल्यूडी,यूको बैंक व एनटीपीसी कर्मी भी शामिल रहे। उन्होंने संसदीय समिति में मजदूरों की मांगों को जोरदार तरीके से रखा।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि भारत सरकार की श्रम मुद्दों पर संसदीय समिति की वाइल्ड फ्लावर हॉल में बैठक सम्पन्न हुई जिसमें लोकसभा व राज्य सभा के अट्ठाई सांसद शामिल हुए। उन्होंने इस बैठक में मजदूर यूनियनों व मजदूरों को नहीं बुलाने पर कड़ा रोष ज़ाहिर किया है। इस से साफ होता है कि संसदीय समिति शिमला में केवल सैर सपाटा करने आई थी व उन्हें मजदूरों की समस्याओं से कोई वास्ता नहीं था। उन्होंने प्रदेश सरकार,इसके आला अधिकारियों व केंद्रीय श्रम विभाग की कार्यप्रणाली पर गम्भीर सवाल खड़ा किये हैं।

बैठक में नहीं बुलाने के कारण सीटू राज्य कमेटी के नेतृत्व में मजदूरों का प्रतिनिधिमंडल श्रम मुद्दों पर संसदीय समिति के सदस्य,राज्यसभा सांसद व सीटू राष्ट्रीय सचिव एलामारम करीम से वाइल्ड फ्लावर हॉल में मिला व उन्हें तीन मांग-पत्र सौंप कर मजदूरों की मांगों को संसदीय समिति के समक्ष रखने का आग्रह किया। उन्होंने इन मांगों को संसदीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जिस पर अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों ने सहमति प्रकट की

विजेंद्र मेहरा ने संसदीय समिति से मांग की है कि वह तुरन्त देशभर के कैज़ुअल,कॉन्टैक्ट,आउटसोर्स,ठेका व फिक्स टर्म मजदूरों के नियमितीकरण के लिए नीति बनाने हेतु संसद में कानून बनवाने के लिए पहलकदमी करें। उन्होंने मांग की है कि वर्ष 2013 में हुए 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी,आशा,मिड डे मील, नेशनल हेल्थ मिशन व अन्य योजना करनियों को नियमित किया जाए। उन्होंने ओल्ड पेंशन बहाली के लिए संसद में कानून बनाने की मांग की। उन्होंने मजदूरों के लिए देश में एक ही वेतन प्रणाली लागू करने की मांग की तथा 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन,वर्ष 1992 के उच्चतम न्यायालय के निर्णय तथा सातवें वेतन आयोग की सिफारिश अनुसार न्यूनतम वेतन 21 हज़ार रुपये घोषित करने की मांग की।