टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए बड़ी क्षति है. भारत की ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के निष्ठावान कार्यकारी और देश में टोयोटा का चेहरा माने जाने वाले विक्रम किर्लोस्कर ने 64 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विक्रम किर्लोस्कर का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ है.
टोयोटा इंडिया ने दी जानकारी
विक्रम किर्लोस्कर के निधन की दुखद जानकारी टोयोटा इंडिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर दी है. टोयोटा ने इस संबंध में कहा कि, “टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर का 29 नवंबर 2022 को असमय निधन हो गया है और इससे हम बेहद दुखी हैं. इस शोक के समय में हम सभी से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने का आग्रह करते हैं. हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और मित्रों के साथ हैं. उनका अंतिम संस्कार 30 नवंबर 2022 को हेब्बल शमशान घाट में दोपहर 1 बजे किया जाएगा.
भारत के कोने-कोने तक पहुंचाई SUV कार
विक्रम किर्लोस्कर, किर्लोस्कर ग्रुप की चौथी पीढ़ी के मुखिया थे. साइकिल बेचने, इसकी मरम्मत करने और इसे चलाने से शुरू हुई ये कंपनी आज देश को असली SUV गाड़ियां देने वाली कंपनी के रूप में जानी जाती है. 64 साल के विक्रम के लिए कहा जाता है कि वही थे जो भारत में टोयोटा की कारों को लेकर आए. विक्रम ने उस समय भारत का परिचय SUV गाड़ियों से करवाया जब देश में SUV के नाम पर टाटा की सफारी और सिएरा जैसी दो या तीन गाड़ियां ही बाजार में मौजूद थीं.
एक के बाद एक कमाल की गाड़ियां
Gadiwala
1999 जब देश में बजट कारों के दौर में विक्रम ने लोगों का परिचय ऐसी एसयूवी से करवाया, जिसे जिसने भी चलाया उसने पसंद किया. ये गाड़ी थी क्वालिस. इसकी खूबियों के कारण एक समय ऐसा आया जब क्वालिस देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली गाड़ियों में से एक हो गई. इसके पीछे का कारण विक्रम ही थे. उनके बिजनेस आइडिया और मार्केटिंग स्ट्रेटेजी ने क्वालिस को फैमिली कार के तौर पर पेश किया और लोगों ने इसे उस तरह पसंद भी किया.
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क्वालिस जिस तरह से सफल हुई उस तरह से उसकी प्रोडक्शन बढ़नी चाहिए थी लेकिन हुआ इसके बिल्कुल विपरीत. एक दिन अचानक ही कंपनी ने इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया और रातों रात ये गाड़ी शोरूम से कम होने लगी. लेकिन ये भी शायद एक प्लान के तहत ही था क्योंकि इसके बाद 2005 में इनोवा ने बाजार में कदम रखा. और इस गाड़ी की सफलता की कहानी किसी से छुपी नहीं है. 2007 में इनोवा ने सेल्स के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और कंपनी ने 5 हजार यूनिट्स की सेल की.
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इसके बाद 2009 में कंपनी जिस गाड़ी से देश को परिचित करवाया, उसकी शान आज तक शौकीन लोगों के बीच बनी हुई है. ये डिजाइन, दमदार रोड प्रेजेंस और जबर्दस्त परफॉर्मेंस के मामले में बेहतरीन गाड़ी थी फॉर्च्यूनर. फिलहाल लोगों को फार्च्यूनर की 4th जनरेशन का इंतजार है लेकिन इससे पहले ही विक्रम इस दुनिया को अलविदा कह गए.
टाटा के समधी थे किर्लोस्कर
Kirloskar Brothers
विक्रम किर्लोस्कर टाटा परिवार के समधी हैं. उनकी बेटी मानसी की शादी रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा के साथ हुई है. इसके साथ ही विक्रम गोल्फ, टेनिस और स्विमिंग के भी शौकीन थे. 1888 में जिस ‘किर्लोस्कर ब्रदर्स’ की नींव विक्रम किर्लोस्कर के पर-पर दादा एल के किर्लोस्कर ने रखी थी वो आज अरबों का बड़ा बिजनेस ग्रुप बन चुका है. इसके मुखिया विक्रम किर्लोस्कर ही थे.