Vikram Vedha Movie Review In Hindi: निर्देशक जोड़ी पुष्कर और गायत्री की फिल्म ‘विक्रम वेधा’ सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और सैफ अली खान (Saif Ali Khan) की जोड़ी पर्दे पर आमने-सामने नजर आ रही है. इस फिल्म को लेकर लंबे समय से दर्शकों में उत्साह बना हुआ था और ट्रेलर के बाद तो ये एक्साइटमेंट और भी बढ़ गया है. ये फिल्म तमिल की इसी नाम की फिल्म का हिंदी रीमेक है जिसमें आर. माधवन और विजय सेतुपति की धमाकेदार जोड़ी नजर आई थी. अब हिंदी में माधवन के किरदार में सैफ और विजय के किरदार में ऋतिक रोशन तड़का लगा रहे हैं. यही वजह है कि फिल्म के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है हिंदी दर्शकों के सामने इस कहानी को इस अंदाज में परोसना कि हर कोई तालियां बजाने पर मजबूर हो जाए. आइए बताते हैं आपको कि ये फिल्म आपको तालियां बजाने के लिए कितना मजबूर करेगी.
कहानी: ये कहानी है विक्रम और वेधा की. विक्रम एक पुलिस वाला है और उसकी स्पेशल टास्क फोर्स इसलिए तैयार की गई है ताकि वह खतरनाक गैंगस्टर वेधा को पकड़ सके. विक्रम, वेधा को पकड़ने की तैयारी में है पर वेधा खुद सरेंडर कर सभी को चौंका देता है. इतना ही नहीं वेधा की वकील बनी है खुद विक्रम की पत्नी (राधिका आप्टे). यहां से शुरू होता है ‘विक्रम-बेताल’ वाले अंदाज का खेल. विक्रम और वेधा के अलावा इस खेल में और भी कई लोग शामिल हैं जो इस शतरंज के खेल के अहम मौहरे हैं. विक्रम हर बार अपनी बहादुरी से वेधा तो पकड़ता है पर वेधा अपने सवालों से विक्रम को ऐसा घेरता है कि फंस जाता है. दरअसल अक्सर ब्लैक ऐंड वाइट में चीजों को देखने वाले विक्रम को जब जिंदगी बीच का ग्रे-शेड दिखाती है तो कहानी जबरदस्त मोड़ लेती है. अब ये मोड़ क्या है और आगे क्या होता है, ये जानने के लिए तो आपको फिल्म देखनी होगी.
ऋतिक रोशन की अपकमिंग फिल्म विक्रम-वेधा जबरदस्त चर्चा में है.
ये कहानी विक्रम-वेधा है, यानी जब-जब स्क्रीन पर विक्रम और वेधा बने सैफ और ऋतिक रोशन का आमना सामना होता है, वो सीन्स जबरदस्त बन जाते हैं. ऋतिक और सैफ दोनों ही अपने-अपने किरदार में स्क्रीन पर शानदार नजर आए हैं. दोनों स्क्रीन पर एक-दूसरे को खूब कॉम्पलीमेंट कर रहे हैं. हालांकि फर्स्ट हाफ में कहानी की स्पीड कुछ स्लो कही जा सकती है, जब कहानी का प्लॉट डवलेप किया जा रहा है, लेकिन जैसे ही ऋतिक रोशन की एंट्री होती है, कहानी के ट्विस्ट ऐंड टर्न आपको सीट से हिलने नहीं देंगे.
तमिल की ऑरिजनल कहानी में ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं. पर साउथ की इस कहानी को लखनऊ और कानपुर में हिंदी भाषी ऑडियंस के लिए बखूबी बिठाया गया है. हालांकि भोजपुरी बोलते ऋतिक से आप ‘सुपर 30’ वाले सर की तुलना करेंगे लेकिन भाषा के अलावा दोनों में कोई समानता नहीं है. दोनों के अंदाज में जमीन-आसमान का अंतर है. इस फिल्म का टाइटल भले ही ‘विक्रम वेधा’ है और इसमें विक्रम पहले आता है, पर ये कहानी ‘वेधा’ की है और ऋतिक ने अपने अंदाज से आपका दिल जीतने की पूरी कोशिश की है. ऋतिक के दोनों शेड्स पर्दे पर बखूबी उतरकर आते हैं.
फिल्म का एक्शन सीक्वेंस, इसका बैकग्राउंड स्कोर आपको खूब पसंद आएंगे. रेलवे यार्ड वाला सीक्वेंस तो शानदार है. दरअलस एक्शन फिल्में अक्सर तकनीक की जीत और दिमाग-लॉजिक की हार वाले कॉन्सेप्ट के साथ आती हैं. पर ‘विक्रम वेधा’ की सबसे अच्छी बात ये है कि यहां सिर्फ बेतुका एक्शन नहीं है, बल्कि माइंडगेम्स की एक खतरनाक पर मजेदार दुनिया है, जिसमें दर्शकों को खूब मजा आएगा. मेरी तरफ से इस फिल्म को 3.5 स्टार.