शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक और 6 बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने केंद्र की अग्निपथ योजना को युवाओं के साथ भद्दा मजाक बताया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ये युवाओं को अंधकार में डालने की योजना है. उन्होंने इस योजना के विरोध में वीरवार को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर समेत अन्य स्थानों पर हुए विरोध प्रदर्शन में गिरफ्तार किए गए छात्रों को तुरंत रिहा करने की मांग की. साथ ही उनपर बनाए गए केस को वापस लेने की भी मांग की. युवा कांग्रेस विधायक ने कहा कि इस योजना के विरोध में शनिवार को पूरे प्रदेशभर में कांग्रेस विरोध प्रदर्शन करेगी
विक्रमादित्य ने कहा कि देश और प्रदेश के युवाओं पर अत्याचार हो रहा है. हिमाचल के हर दूसरे घर का युवा सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है. हिमाचल वीर भूमि है और हिमाचल के युवा सेना में सेवाएं देने को मात्र रोजगार की दृष्टि से ही नहीं देखते हैं बल्कि ये देशभक्ति का जज्बा होता है. उन्होंने कहा कि युवाओं की लड़ाई को कांग्रेस लड़ेगी, ये राजनीतिक लड़ाई नहीं बल्कि जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते की भूमिका का निर्वहन करना है. उन्होंने सरकार से इस योजना को वापस लेने की मांग की.
वहीं, विक्रमादित्य सिंह ने पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले में नेताओं, पुलिस के बड़े अधिकारियों और एसआईटी में शामिल अधिकारियों का हाथ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले में चार्जशीट तैयार कर राज्यपाल को सौंपेगीं. उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच न होने पर बड़े सवाल हैं. अब तक केवल छोटी-मोटी गिरफ्तारी कर मामले को रफा-दफा करने की तैयारी की जा रही है.पीएम दौरे पर सवालधर्मशाला में पीएम के दो दिवसीय दौरे को विक्रमादित्य ने राजनीतिक करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार बनाने का रास्ता कांगड़ा से होकर निकलता है. जय राम सरकार ने कांगड़ा की अनदेखी की है, इसकी भरपाई के लिए पीएम का दौरा करवाया गया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकारी पैसे से ये कार्यक्रम करवाया गया. चुनावों को देखते हुए भाजपा ने ये कार्यक्रम करवाया. साथ ही कहा कि कांगड़ा में कांग्रेस के आधार को देखते हुए पीएम का दौरा करवाया गया.
पीने के पानी किल्लत पर भी सरकार को घेरा
वहीं, शिमला में पीने के पानी की किल्लत को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित नगर निगम अपने चेहतों को ही पानी दे रही है. सरकारी तंत्र को लकवा मार गया है और जल शक्ति मंत्री लापता हैं. उन्होंने शहर में पानी की कमी के लिए सरकार और शिमला जल प्रबंधन निगम को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि पेयजल संकट के दौरान आज जल शक्ति मंत्री कहीं नज़र नहीं आ रहे हैं.