Vinayak Chaturthi 2023 Date: प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और इस दिन गणेशजी की पूजा के साथ व्रत रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा और आराधना करते हैं उन्हें हर कार्य में मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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फाल्गुन चतुर्थी व्रत का आरंभ : 23 फरवरी को सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा
फाल्गुन चतुर्थी व्रत का समापन : 23 फरवरी रात को 1 बजकर 34 मिनट पर समापन होगा
उदया तिथि की मान्यता के अनुसार विनायक चतुर्थी का व्रत 23 फरवरी गुरुवार को रखा जाएगा।
विनायक चतुर्थी 2023 की पूजाविधि
विनायक चतुर्थी के व्रत को लेकर यह मान्यता है कि इस साल के 12 महीने तक यह व्रत करने के बाद अंतिम व्रत में दान पुण्य करें तो व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। उसके बाद सूर्य को अघ्र्य देकर विनायक चतुर्थी के व्रत का संकल्प लें। मंदिर में गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें। उसके बाद गणेशजी प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाकर विधि विधान से पूजा करें। गणेशजी की तस्वीर पर फूल, माला, दुर्व, अक्षत, सिंदूर, धूप, दीप अर्पित करें और उनको मोदक का भोग लगाएं। उसके बाद गणेश संकटनाशमं स्त्रोत का पाठ करें।
गणेशजी के इन मंत्रों का करें जप
1 : वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा।
2 : गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्।
3 : सिद्धिबुद्धि पते नाथ सिद्धिबुद्धिप्रदायिने।