गर्मी अपने शबाब पर है. कई राज्यों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच चुका है. तमाम एक्सपर्ट भारत में गिरत जल स्तर को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं. बूंद-बूंद पानी की अहमियत के लेकर जनजागरुकता चल रही है. इन सबके बीच बेंगलुरु के रहने वाले एक शख्स ने कम पानी में धान उगाकर एक मिसाल पेश की है.
बेंगलुरु के रहने वाले विश्वनाथ एस 100 स्क्वायर फीट के अपने छत पर खेती करते हैं. इस दौरान वह 100 किलो से भी ज्यादा चावल उगा लेते हैं. खास बात है इसके लिए वह सिर्फ़ नहाने और कपड़े धोने के बाद बचे पानी का इस्तेमाल करते हैं.
द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, विश्वनाथ ने अपने घर को बिल्कुल पर्यावरण के अनुकुल बना रखा है. उनके घर में हर साल लगभग 1 लाख लीटर बारिश का पानी इकट्ठा होता है. इसका काम वह घरेलू काम से लेकर पीने के पानी तक के लिए करते हैं. घर का डिजाइन ऐसा है कि प्राकृतिक हवा और रोशनी प्रॉपर मिलती है, जिससे उन्हें पंखे और एसी की ज़रूरत नहीं पड़ती.
अपने 100 स्क्वॉय फीट के छत पर वह चावल और सब्जी उगाते हैं. इसके साथ ही वह खाद बनाने के काम से लेकर सौर उर्जा तक का उपयोग छत पर ही करते हैं. वह साल भर में तीन तरह की फसल का चावल पैदा करते हैं.
विश्वनाथन के इस काम की जितनी तारीफ़ की जाए कम है. कोई भी व्यक्ति साइंटिफिक तरीके से इन चीजों पर काम करके कम संशाधन में भी अधिक उत्पादन कर सकता है. इसकी मिसाल विश्वनााथ हैं