राजस्थान में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए वोटिंग संपन्न हो गई है. राज्य के सभी 200 विधायकों ने मतदान किया. मायावती की पार्टी के चार विधायकों ने सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में वोट डाला. ये विधायक चुनाव से पहले राजस्थान में कांग्रेस के साथ विलय की घोषणा किए थे. सभी छह विधायक, जो पहले मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ थे, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विधानसभा भवन पहुंचे और वोट डाला.
उनके वोटों के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया कि वह मामले की तत्काल सुनवाई नहीं करेगा. वोटिंग राजस्थान विधानसभा में सुबह 9 बजे शुरू हुई. वोटों की गिनती शाम 5 बजे की जाएगी.
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कांग्रेस के ये तीन उम्मीदवार मैदान में
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुबह नौ बजे से कुछ देर पहले विधानसभा पहुंचे और कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों में से एक रणदीप सुरजेवाला के साथ कांग्रेस विधायकों को लेकर पहली बस भी विधानसभा पहुंची. बीजेपी विधायक दो अलग-अलग बसों में विधानसभा पहुंचे. दोनों ही पार्टियों ने विधायकों को अपने खेमे में रखने के लिए कई उपाय भी किए. राजस्थान सरकार ने जयपुर जिले के आमेर में 12 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया.
कांग्रेस की ओर से रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी मैदान में हैं. वहीं बीजेपी ने घनश्याम तिवारी को टिकट दिया. पार्टी निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा का भी समर्थन कर रही है. बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के पास 108 वोट हैं और बीजेपी के पास 71.
ऐसे में कांग्रेस आसानी से दो और बीजेपी एक सीट जीत सकती है. पेंच फंस रहा चौथी सीट पर. कांग्रेस की कोशिश 13 निर्दलीय विधायकों के अलावा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के दो-दो मतों को हासिल करने की है ताकि वह अपने उम्मीदवार प्रमोद तिवारी की जीत सुनिश्चित कर सके.