भारत में आज देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है जिसके लिए संसद और विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में मतदान हो रहा है. चुनाव में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए की ओर से झारखंड की पूर्व गवर्नर द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं. विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है.
राष्ट्रपति चुनाव में अभी तक सामान्यतः सत्ताधारी दल का पलड़ा भारी रहता आया है. इस बार के चुनाव में भी विपक्ष के कई दलों ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की है जिसे देखते हुए समझा जा रहा है कि वो आसानी से जीत के लिए दो-तिहाई मत हासिल कर लेंगी.
राष्ट्रपति चुनाव के मतदान में संसद के दोनों सदनों, प्रदेशों की विधानसभाओं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुद्दुचेरी के निर्वाचित सदस्य मतदान करेंगे.
देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के नतीजे की घोषणा गुरुवार 21 जुलाई को होगी.
द्रौपदी मुर्मू यदि राष्ट्रपति बन जाती हैं तो वो देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी. साथ ही वो देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी.
राष्ट्रपति चुनाव के बाद उप-राष्ट्रपति का चुनाव भी होगा. 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए वोट डाले जाएंगे.
उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया है, वहीं मार्गरेट अल्वा विपक्ष की उम्मीदवार हैं.
राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव पर विशेष लेखः-
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- मार्गरेट अल्वा: महिला आरक्षण बिल लाने से लेकर उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी तक
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ड्रामा क्वीन
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मॉनसून सत्र आज से, पेश होंगे कई विधेयक
संसद का मॉनसून सत्र आज 18 जुलाई से शुरू हो रहा है.
मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार लोकसभा में दो दर्जन विधेयक पेश करेगी.
इसमें ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक, वन संरक्षण संशोधन विधेयक, परिवार अदालत संशोधन विधेयक, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक और राष्ट्रीय रेल परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिवर्तित से जुड़े विधेयक शामिल होंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार एक बुलेटिन जारी किया जिसके मुताबिक इन 24 नये विधेयकों के अलावा चार और विधेयक भी लाएगी जिन्हें पहले पेश किया जा चुका है और उन्हें स्टैंडिंग कमेटी को विचार करने के लिए भेजा गया था.
संसद में ये विधेयक पेश हो सकते हैं:
•भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022
•बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021
•डीएनए टेक्नोलॉजी विनियमन विधेयक, 2019
•समुद्री डकैती रोधी विधेयक, 2019
•माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण (संशोधन) विधेयक, 2019
•राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक, 2021
•वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021
•जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021
•व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019
•लोकसभा की ओर से पारित अंतर-राज्यीय नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक, 2019
•संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022
•सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक, 2022
•संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2019
•मध्यस्थता विधेयक, 2021
•सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2019
•अनिवासी भारतीय विवाह का रजिस्ट्रेशन विधेयक, 2019
•संविधान (एक सौ पच्चीसवां संशोधन) विधेयक, 2019
•कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, 2020
•अनुपूरक अनुदान मांग (सामान्य) और संबंधित विनियोग विधेयक
•ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक
संसद का ये सत्र 18 जुलाई को शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा.
भारत के उप राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया क्या है और इसमें कौन हिस्सा लेता है?
सर्वदलीय बैठक के बाद आरोप-प्रत्यारोप
सत्र के पहले सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कई पार्टियों ने हिस्सा लिया. हालांकि बैठक में नरेंद्र मोदी के शामिल न होने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए.
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “संसद के आगामी सत्र पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक शुरू हो गई है और प्रधानमंत्री हमेशा की तरह अनुपस्थित हैं. क्या यह ‘असंसदीय’ नहीं है.”
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हालांकि सरकार की तरफ़ से कहा गया कि विपक्ष ग़ैर-ज़रूरी बातों को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रह है.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “विपक्ष के पास सरकार के ख़िलाफ़ कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए ग़ैर-ज़रूरी चीज़ों को मुद्दा बना रहा है.”
उन्होंने कहा, “2014 के पहले जब कांग्रेस सत्ता में थी तब प्रधानमंत्री कभी सर्वदलीय बैठक में नहीं आते थे.”
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महँगाई, बेरोज़गारी, अग्निपथ का मुद्दा उठाएगा विपक्ष
कांग्रेस इस सत्र में महँगाई बेरोज़गारी और अग्निपथ के मुद्दों को उठाएगी.
कांग्रेस ने रविवार को एक प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा, ” मल्लिकार्जुन खड़गे ने 13 मुद्दे रखे जिन्हें मानसून सत्र में कांग्रेस ने चर्चा के लिए चुना था. ये हैं: संघीय ढांचे पर हमले, सेना भर्ती के लिए अग्निपथ योजना, डीएचएफएल बैंक धोखाधड़ी, अनियंत्रित मुद्रास्फीति, बढ़ती बेरोजगारी, राजकोषीय और रुपये मूल्य संकट, अभद्र भाषा, जम्मू-कश्मीर में बढ़ते अपराध और कश्मीरी पंडितों पर हमले, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बाहरी खतरा – चीनी घुसपैठ और विदेश नीति की विफलताएं, अल्पसंख्यकों के घरों को अवैध रूप से तोड़ना, कांग्रेस नेताओं पर हमला, और वन संरक्षण नियमों में संशोधन. “
सरकार ने आश्वासन दिया है कि वो सभी मुद्दों पर बहस करने के लिए तैयार है.
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श्रीलंका पर सभी दलों की बैठक
केंद्र सरकार ने श्रीलंका के मौजूदा संकट पर मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर विभिन्न पार्टी के नेताओं को श्रीलंका के ताज़ा हालात पर नेताओं को जानकारी देंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने यह जानकारी दी है.
सर्वदलीय बैठक में तमिलनाडु की दोनों प्रमुख पार्टियों डीएमके और एआईडीएमके ने मांग की कि भारत को अपने पड़ोसी श्रीलंका के संकट में दख़ल देना चाहिए.
इन दोनों पार्टियों ने श्रीलंका की बुरी आर्थिक स्थिति और वहां के तमिलों के हालात का मुद्दा उठाया था,