रुतुजा के खिलाफ छह उम्मीदवार खड़े हैं, जिनमें से चार निर्दलीय हैं। वहीं राकांपा और कांग्रेस ने रुतुजा की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण यह उपचुनाव कराना पड़ा है।
मुरजी पटेल, रुतुजा लटके
मुंबई के अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र के लिए कल यानी गुरुवार को वोटिंग होनी है। लेकिन भाजपा की ओर से उम्मीदवारी वापस लिए जाने के बाद अब यह एक औपचारिकता मात्र है। उद्धव ठाकरे के धड़े वाली शिवसेना की उम्मीदवार रुतुजा लटके के आराम से जीत दर्ज करने की उम्मीद है।
रुतुजा के खिलाफ छह उम्मीदवार खड़े हैं, जिनमें से चार निर्दलीय हैं। वहीं राकांपा और कांग्रेस ने रुतुजा की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के कारण यह उपचुनाव कराना पड़ा है। रमेश लटके, रुतुजा लटके के पति थे।
इसी साल एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों ने शिवेसना में विद्रोह कर दिया था। जिसके कारण उद्धव टाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। ठाकरे सरकार गिरने के बाद यह पहला चुनाव है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि भाजपा का उम्मीदवारी वापस लेने का मकसद उद्धव ठाकरे को मनोबल बढ़ाने से वंचित करना है या रुतुजा लटके को चुनाव में जीत हासिल कराना है।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा और शिंदे धड़े का मुख्य उद्देश्य बीएमसी से ठाकरे की सेना को हटाना है। बीएमसी के चुनाव अगले महीने होने हैं।
राकांपा प्रमुख शरद पवार और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य में ‘राजनीतिक परंपराओं’ का हवाला देते हुए उम्मीदवारी वापस लेने की वकालत की थी। भाजपा ने पहले रुतुजा के खिलाफ अपने उम्मीदवार मुरजी पटेल को उतारा ता। हालांकि, बाद में उनकी उम्मीदवारी वापस ले ली गई। इस चुनाव को पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे के लिए लिटमस टेस्ट और वोटर्स के मूड का आकलन करने के मौके के रूप में देखा जा रहा है। इन उपचुनाव को अगले महीने होने वाले बीएमसी चुनावों के लिए एक टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है।
महाराष्ट्र की राजनीति में परंपरागत रूप से आमतौर पर विधायकों या सांसदों की मृत्यु के बाद उपचुनाव उनके रिश्तेदारों के द्वारा लड़ा जाता है, हालांकि यह अपवाद है।
महा विकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद एकनाथ शिंदे ने तीस जून को भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।