शिमला में जलसंकट, चौथे दिन भी पानी नहीं, बावड़ियों पर रात 11 बजे तक लाइनें

पेयजल परियोजनाओं से शिमला शहर के लिए पानी की सप्लाई 46 एमएलडी से घटकर 32 एमएलडी पर पहुंच गई है। कई इलाकों में चौथे दिन भी पानी नहीं मिल रहा।

खलीनी में रात को पानी का टैंकर आने पर उमड़ी भीड़

राजधानी शिमला में पेयजल संकट गहरा गया है। हिल्स क्वीन में सप्ताह के अंत में भारी संख्या में सैलानी पहुंचे हैं, लेकिन यहां कई इलाकों में चौथे दिन भी पानी नहीं मिल रहा। हालात ये हो गए हैं कि मंत्रियों के घरों से लेकर स्कूलों, मंदिरों और सरकारी महकमों में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति करनी पड़ रही है। कई जगह लोग पानी के लिए बावड़ियों पर रात 11:00 बजे तक लाइनों में लग रहे हैं। साल 2018 में भी शिमला शहर में भारी पेयजल संकट हो गया था।अब भी हालात वैसे ही बन गए हैं। पेयजल परियोजनाओं से शिमला शहर के लिए पानी की सप्लाई 46 एमएलडी से घटकर 32 एमएलडी पर पहुंच गई है। रविवार को पेयजल कंपनी ने राजधानी के विभिन्न इलाकों में रिकॉर्ड 45 पानी से भरे टैंकर भेजे। शहर के होटलों को अब रात के समय रोज टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। रविवार को तो चाबा परियोजनाओं से भी सप्लाई ठप हो गई। पेयजल कंपनी के अनुसार शनिवार देर रात बिजली की एचटी लाइन टूटने से यहां पंपिंग बंद हो गई थी।

रविवार दोपहर तक पंपिंग शुरू हो पाई। छोटा शिमला जोन समेत विकासनगर, कैथू और चौड़ा मैदान क्षेत्र के कई इलाकों में रविवार चौथे दिन भी जब पानी नहीं आया तो लोग कपड़े और बर्तन धोने के लिए बावड़ियों और हैंडपंप पर पहुंच गए। लोगों ने पार्षदों से पूछा कि कब पानी आएगा, लेकिन दोनों वार्डों में देर शाम 7:00 बजे तक पानी नहीं आया। लगातार फोन बजने के बाद कई कीमैन ने फोन ही बंद कर दिए।

यह है जलसंकट का कारण
शहर की दूसरी सबसे बड़ी पेयजल परियोजना गिरि में जलस्तर बहुत गिर गया है। 18 एमएलडी की क्षमता वाली इस परियोजना से अब शहर को 10 से 12 एमएलडी पानी ही मिल रहा है। गुम्मा से भी 24 की जगह 18 तो कोटी बरांडी से पांच की जगह औसतन एक एमएलडी पानी मिल रहा है। बीते एक हफ्ते से जलस्तर लगातार घट रहा है। पंचायती क्षेत्रों में सप्लाई छठे और सातवें दिन मिल रही है। पेयजल कंपनी के जीएम आरके वर्मा ने कहा कि जलस्तर घटने से सप्लाई घटी है। कंपनी तीसरे दिन शहर में पानी देने का प्रयास कर रही है।

प्रदेश भर में 750 पेयजल परियोजनाओं में घटा पानी
इन दिनों पड़ रही प्रचंड गर्मी के कारण हिमाचल प्रदेश की 9500 में से 750 पेयजल परियोजनाओं में 25 से 30 फीसदी पानी कम हो गया है। इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

जलशक्ति मंत्री के गृह क्षेत्र धर्मपुर की एक दर्जन पेयजल योजनाएं सूखीं
जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के गृह क्षेत्र में पेयजल के लिए हाहाकार मच गया है। प्रचंड गर्मी के कारण क्षेत्र की एक दर्जन से ज्यादा पेयजल योजनाएं सूख गई हैं। अब ब्यास से जो बड़ी-बड़ी परियोजनाएं अन्य क्षेत्रों के लिए बनाई गई हैं, उन्हें प्रभावित परियोजनाओं से जोड़ा जा रहा है, ताकि लोगों को पेयजल मिल सके।

जलशक्ति विभाग ने आदेश जारी किए हैं कि अगर पेयजल का दुरुपयोग करते कोई पाया जाता है तो उसका कनेक्शन काट दिया जाएगा। जलशक्ति विभाग मंडल धर्मपुर भराड़ी के एक्सईएन राकेश पराशर ने बताया कि क्षेत्र की नगेनी खेड़ी, कमलाह, चुहड़ू रा बाहल, हलौण चंदगला, नौण तनिहार, ब्रांग आदि पेयजल परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं