‘हमने दो चमत्कार किए, दुनिया को चीन की जरूरत’, तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद बोले शी जिनपिंग

तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद शी जिनपिंग ने अपना संबोधन भी दिया। उन्होंने चीन के तेजी से विकास के लिए अपनी भविष्य की नीति बताई।

शी जिनपिंग(फाइल)

शी जिनपिंग ने रविवार को चीन के राष्ट्रपति के रूप में एक ऐतिहासिक तीसरा कार्यकाल हासिल कर लिया। जिनपिंग अब पांच साल के लिए और इस पद पर बने रहेंगे। माओत्से तुंग के बाद से देश के सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए उन्होंने अपने कुछ निकटतम कम्युनिस्ट पार्टी सहयोगियों को पदोन्नत भी किया। वहीं तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अपना संबोधन भी दिया। उन्होंने चीन के तेजी से विकास के लिए अपनी भविष्य की नीति पर भी चर्चा की।

दुनिया को चीन की जरूरत: जिनपिंग
मीडिया से बात करते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि दुनिया को चीन की जरूरत है। शी ने कहा कि चीन दुनिया के बिना विकसित नहीं हो सकता और दुनिया भी चीन के बिना आगे नहीं बढ़ सकती है। इसलिए हमें अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। दुनिया में हमारे योगदान को नकारा नहीं जा सकता है।

हमने दो चमत्कार किए: जिनपिंग
सुधार और खुलेपन की दिशा में 40 से अधिक वर्षों के अथक प्रयासों के बाद, हमने दो चमत्कार किए हैं – तेजी से आर्थिक विकास और दीर्घकालिक सामाजिक स्थिरता।  उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी और हमने  हमारे लोगों के विश्वास को जीतने के लिए अपने कर्तव्यों के प्रदर्शन में लगन से काम करने का वादा किया।

जिनपिंग के वर्चस्व से बदला पार्टी का चार दशक पुराना नियम
जिनपिंग के तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने के साथ ही पार्टी का चार दशक पुराना नियम भी टूट गया है। दरअसल, चीन में 1982 में सर्वोच्च पद पर 10 साल के कार्यकाल का नियम बनाया गया था। हालांकि, जिनपिंग को पांच और वर्षों तक सत्ता में रखने के लिए इस नियम को किनारे कर दिया गया।

जिनपिंग के नाम जुड़ा रिकॉर्ड
जिनपिंग इस साल सीपीसी प्रमुख और राष्ट्रपति के तौर पर अपना 10 साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। पार्टी संस्थापक माओत्से तुंग के बाद वह पहले चीनी नेता बन गए हैं, जो सत्ता में तीसरे कार्यकाल तक कायम रहेंगे। माओत्से तुंग ने करीब तीन दशक तक चीन पर शासन किया था। जानकारों का मानना है कि नया कार्यकाल मिलने का सीधा मतलब यह है कि जिनपिंग भी माओ की तरह जीवनपर्यंत सत्ता में बने रहने की मंशा रखते हैं।